प्यासा सावन: थोड़ा बरसकर तरसा रहे बादल, शाजापुर वालों को इतने दिन करना होगा इंतजार

एक सप्ताह पहले झमाझम के बाद अब बारिश की लंबी खेंच हो गई है, उमस और गर्मी के कारण लोगों का बुरा हाल हो रहा है, सावन के महीने में तेज धूप बेहाल कर रही है। मौसम विभाग के अनुसार अब अगले करीब पांच दिन तक मौसम ऐसा ही रहने का अनुमान है। 

प्यासा सावन: थोड़ा बरसकर तरसा रहे बादल, शाजापुर वालों को इतने दिन करना होगा इंतजार
रविवार सुबह आसमान पर काले बादल छाए लेकिन थोड़ी देर बाद तेज धूप खिल गई।

दोपहर में गर्मी कर रही बेहाल

खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)

सावन के पहले दिन बारिश के बाद 23, 24  जुलाई को शहर में झमाझम बारिश हुई। नदी और नाले उफान पर आ गए। इसके बाद से अब तक बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है। मौसम तो रोज बन रहा है लेकिन बादल बगैर बरसे ही लौट रहे हैं। वहीं दोपहर के समय तेज धूप, उमस और गर्मी लोगों को बेहाल कर रही है। सावन का महीना आधे से ज्यादा बीत चुका है, लेकिन अपेक्षाकृत बारिश नहीं हो रही है। सावन के सेरे भी नहीं आ रहे। वहीं मौसम की सटीक जानकारी देने वाले स्काईमेट के अनुसार आने वाले कुछ दिन मौसम ऐसा ही रहेगा। 5 अगस्त के बाद तेज बारिश की संभावना है। तब तक बादलों की आवाजाही जरूर रहेगी लेकिन हवा के कारण बारिश की संभावना न के बराबर है।  

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जिले में हो चुकी है 22 इंच बारिश

इस मानसूनी सीजन में अब तक शाजापुर जिले में 22 इंच के करीब बारिश हो चुकी है। ऐसे में जिले के नदी, नालों और जलाशयों में भरपूर पानी आ गया है। शाजापुर के प्रमुख पेयजल स्रोत चीलर बांध में भी 16 फीट के करीब पानी संग्रहित हो चुका है। एक या दो बार की जोरदार बारिश से चीलर बांध पूरा भर सकता है।  

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30 डिग्री तक पहुंच रहा पारा

पिछले छह दिन से बारिश नहीं होने के कारण पारा भी बढऩे लगा है। 23-24 डिग्री सेल्सियस पर चल रहा अधिकतम तापमान 30 डिग्री तक जा पहुंचा है, वहीं रात के समय भी गर्मी बनी हुई है। ऐसे में लोगों को कूलर और एसी का सहारा लेना पड़ रहा हैै।

आसमान में छाए बादल

रविवार सुबह से आसमान पर काले बादल छाए रहे। थोड़ी देर ठंडी हवा भी चली, लेकिन बारिश नहीं हुई। सुबह 11 बजे से सूरज भी रौद्र रूप दिखाने लगे और तेज चटक धूल खिल गई। इसके चलते रेनकोट और छाते के सीजन में टोपी, गमछा और चश्मे फिर निकल आए।

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अभी बन रहे हैं ये सिस्टम

  • उत्तर-दक्षिणी ट्रफ रेखा उत्तर आंतरिक कर्नाटक से दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु होते हुए कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है।
  • आंतरिक तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्र पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
  • एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। गुजरात, पश्चिम मध्य प्रदेश, तटीय तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, लद्दाख और राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।