चुनरी यात्रा: झूमते-गाते मां कनकेश्वरी के धाम जाएंगे श्रद्धालु
शहर में शुक्रवार को मां कनकेश्वरी के जयकारे गूंजेंगे और श्रद्धालु नाचते-गाते शहर से करीब 9 किमी दूर ग्राम करेड़ी स्थित मां कनकेश्वरी के धाम पहुंचेंगे। यहां माता को चुनरी ओढ़ाई जाएगी। इसके बाद महाआरती व भंडारे का आयोजन होगा। यह यात्रा का 9वां वर्ष है, जिसमें हर बार की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में भक्त शामिल होकर नवरात्रि में माता की भक्ति करेंगे।
नौ साल से निकाल रहे चुनरी यात्रा
खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)
यात्रा संयोजक रामचंद्र भावसार ने बताया कि मां कनकेश्वरी भक्त मंडल की ओर से प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी चुनरी यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत शुक्रवार प्रात: 8.30 बजे सोमवारिया बाजार स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर में विराजित माता के पूजन से होगी। यहां से श्रद्धालु भक्तिमय गीतों की धुन पर झूमते हुए नगर के विभिन्न मार्गों से होकर मां कनकेश्वरी के दरबार तक पहुंचेंगे। जहां मां कनकेश्वरी को चुनरी व शृंगार सामग्री अर्पित करने के पश्चात महाआरती की जाएगी। इसके बाद भंडारे का आयोजन किया जाएगा। पूरे नगर में जगह-जगह चुनरी यात्रा का विभिन्न संगठनों द्वारा स्वागत भी किया जाएगा। शोभायात्रा प्रमुख तुलसीराम भावसार सहित भक्त मंडल के समस्त पदाधिकारी और सदस्यों ने शहरवासियों से अधिक से अधिक संख्या में चुनरी यात्रा में शामिल होकर धर्म का लाभ लेने की अपील की है।
151 मीटर चुनरी ओढ़ाकर माता से की खुशहाली की कामना
शाजापुर. नवरात्रि महोत्सव में प्रतिदिन शहर में गरबों के आयोजन हो रहे हैं तो चुनरी यात्राएं भी निकाली जा रही है। गुरुवार को भी शहर में चुनरी यात्रा निकाली गई, जो शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई मां राजराजेश्वरी मंदिर के दरबार पहुंची जहां माता को 151 मीटर की चुनरी ओढ़ाई गई।
इसके पूर्व राम मंदिर से चुनरी यात्रा निकाली गई, जिसमें युवतियां और महिलाएं डांडिया करते हुए शामिल हुई तो पीछे-पीछे युवाओं ने 151 मीटर चुनरी हाथों में थाम रखी थी। यह यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई मां राजराजेश्वरी मंदिर पहुंची, जहां श्रद्धालुओं ने माता की आराधना कर उन्हें चुनरी ओढ़ाई। इसके बाद उनका पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की गई। इसके साथ ही शुक्रवार से नानी बाई रो मायरा की कथा का शुभारंभ होगा, जिसमें श्री कृष्ण प्यारी कनुप्यारी के मुखारबिंद से 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 7 बजे तक कथा का वाचन किया जाएगा।