SHAJAPUR: शिक्षा के मंदिर में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान, शिक्षकों को नोटिस देकर बचने की कोशिश में स्कूल संचालक
शाजापुर के एक बड़े निजी स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मामला सामने आया है। यहां स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में उल्टा ध्वज हाथ में लेकर नृत्य किया गया। साथ ही सजावट में भी तिरंगे का उपयोग किया गया। इस कार्यक्रम का वीडियो सामने आया है, जिसके बाद जिम्मेदार स्कूल संचालक पर कानूनी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
दो घंटे तक चला कार्यक्रम
खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)
उक्त निजी स्कूल की शहर में तीन ब्रांच है। जो वीडियो सामने आया है, वह एबी रोड स्थित ब्रांच का है। यहां 12 से 15 अगस्त तक आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। उक्त कार्यक्रमों में खुले रूप से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया। यहां बच्चों और शिक्षिकाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस दौरान कई शिक्षिकाओं और बच्चों के हाथों में उल्टा ध्वज था। तकरीबन दो घंटे तक चले कार्यक्रम के दौरान इस गलती को सुधारा नहीं गया। इसके अलावा स्कूल में सजावट में भी राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किया गया। दीवारों पर राष्ट्रीय ध्वज लगा दिया गया। यह कृत्य भी राष्ट्र ध्वज के अपमान की श्रेणी में आता है। स्कूल में इस तरह का कृत्य होने पर शहर में इसकी निंदा हो रही है। लोग कह रहे हैं कि जिस स्कूल के शिक्षकों को राष्ट्रीय ध्वज की अस्मिता का ही ध्यान नहीं है, वे बच्चों को क्या शिक्षा देते होंगे।
नोटिस देकर बच रहे स्कूल संचालक
उक्त कार्यक्रम का वीडियो खबरीराम 24 मीडिया के हाथ लगा है। इसके बाद संवाददाता ने स्कूल की महिला संचालक के पुत्र से चर्चा की तो उनका कहना था कि इस कार्यक्रम के दौरान वे शहर से बाहर थे। उन्हें इसकी जानकारी लगी तो जिम्मेदार शिक्षकों को नोटिस देकर जवाब मांगा है, उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांग ली है। स्कूल संचालक के पुत्र का कहना है कि जो झंडे शिक्षिकाओं के हाथ में थे वे बाजार से लाए थे, जल्दबाजी और उत्सुकता में वे उन्हें ठीक से देख नहीं पाए, इसलिए कार्यक्रम के दौरान उल्टे झंडे लहरा गए। खबरीराम 24 मीडिया ने जब उनसे सवाल किया कि स्कूल आपका है, जिम्मेदारी आपकी बनती है और नियमानुसार कानूनी कार्रवाई भी स्कूल संचालक पर ही होना चाहिए। वे इस बात का जवाब नहीं दे सके।
यह है सजा का प्रावधान
राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत तिरंगे के अपमान पर सजा का भी प्रावधान किया गया है। किसी भी प्रकार से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने पर तीन साल की सजा या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। उक्त निजी स्कूल में ना सिर्फ राष्ट्र ध्वज को उल्टा लहराया गया, बल्कि दीवारों को भी तिरंगे से सजाया गया। साथ ही मंच सजाने में भी तिरंगे का उपयोग किया गया। यह सब कृत्य राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की श्रेणी में आता है। इसके चलते स्कूल संचालक पर एफआइआर तक दर्ज की जा सकती है।
बच्चों के मन पर गहरा असर
हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और सही ज्ञान के लिए बड़े स्कूलों में भेजते हैं। इसके लिए मोटी फीस भी चुकाते हैं, लेकिन शिक्षा के मंदिरों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को ही देश की आन-बान-शान तिरंगे का महत्व नहीं पता है। वे बच्चों के सामने ही ध्वज का अपमान कर रहे हैं। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों के मन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
(नोट: राष्ट्र ध्वज की गरिमा बनाने रखने के लिए उक्त खबर में चित्र और वीडियो का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। साक्ष्य के तौर पर यह उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। इसके अलावा आगामी कार्रवाई होने तक स्कूल का नाम भी प्रकाशित नहीं किया जा रहा है।)