शाजापुर का उत्सव है ‘धल्डे’ का शुरू होना

शाजापुर के लोगों को हर साल बारिश के सीजन में इंतजार रहता है तो सिर्फ यह कि कैसे भी हो हमारा चीलर बांध भर जाए और धल्डा शुरू हो जाए। इससे एक तो पेयजल की चिंता से मुक्ति से मिल जाती है और दूसरी तरफ शहर के लोगों को हरियाली के बीच तफरी करने का बहाना मिल जाता है। शहरवासियों की ये मुराद इस सीजन में 22 अगस्त की सुबह पूरी हो गई, जब हमारा चीलर बांध पूरा भर गया और वेस्ट वेयर (धल्डा) शुरू हो गया। ऐसे में शाजापुर के लोगों को एक उत्सव मनाने का मौका मिल गया।

शाजापुर का उत्सव है ‘धल्डे’ का शुरू होना

दौड़े चले गए लोग

खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)

सोमवार सुबह विभिन्न सूचना माध्यमों से जैसे ही शाजापुर के निवासियों को चीलर डैम के पूरा 23 फीट भरने और धल्डा चलने की जानकारी लगी, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। एक-दूसरे को यह खबर देकर लोगों ने खुशी को दोगुना किया। सुबह के समय पोहे-समोसे की पार्टी हो गई। बारिश की फुहारों के बीच धल्डे का मनोरम नजारा देखने के लिए लोग निकल पड़े। कीचड़ और पथरीले रास्ते से होते हुए धल्डे तक पहुंच गए और सेल्फी लेकर ही दम लिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ पोस्ट शुरू हो गई। यह क्रम दिनभर चलता रहा। 

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मिल गया घूमने का मौका

शाजापुर शहर में पिकनिक स्पॉट की बेहद कमी है। घूम-फिरकर गाड़ी चीलर बांध पर आकर ठहर जाती है। ऐसे में धल्डे का मनोरम नजारा और यहां पानी में अठखेलियां लोगों को लुभाती हैं। परिवार में बहन-बेटियां रक्षाबंधन और जन्माष्टमी पर मायके आती हैं तो चीलर बांध का नजारा देखे बगैर ससुराल नहीं लौटती। दूसरे शहरों में पढऩे और नौकरी करने गए हमारे बच्चे जब छुट्टी में घर लौटते हैं तो वे भी धल्डे के सामने फोटो लेना नहीं भूलते। हमारी होम मेकर भी घर संभालते-संभालते थकने लगती हैं तो धल्डे को देखकर रिफ्रेश हो जाती हैं। संडे या फिर कोई और छुट्टी हो तो परिवार के साथ धल्डे तक घूमने जाना आनंदित कर देता है। शहर के व्यापारी शनिवार के अवकाश पर डैम जाकर पिकनिक मनाते हैं तो स्कूल और कॉलेज के स्टूडेंट भी ग्रुप में यहां आकर धमाल मचाते हैं। मतलब साफ है कि शहर के हर वर्ग की खुशी का उत्सव चीलर डैम से जुड़ा हुआ है। 

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शहर के लिए यह है महत्व

शाजापुर का प्रमुख पेयजल स्रोत चीलर बांध अगर पूरा नहीं भर पाता है तो गर्मी के सीजन में पानी की दिक्कत हो जाती है। कई बार ऐसे अवसर भी आए, जब लोगों को एक-एक बाल्टी पानी के लिए मशक्कत करना पड़ती है। इसके चलते शाजापुर के लोग चीलर बांध की पूजा देवता की तरह करते हैं। जलदाता चीलर बांध ही शाजापुर की जीवन रेखा है। ऐसे में डैम के ओवरफ्लो होने की खुशी लोगों के चेहरे पर साफ नजर आ रही है।