बप्पा की महिमा: यह है अनोखा गणेश मंदिर, कोई भक्त नहीं कर सकता प्रवेश

विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति भगवान श्री गणेश के कई भव्य मंदिर हैं, जहां प्रथम पूज्य देवता की आराधना की जाती है। ऐसे ही शाजापुर में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां कोई प्रवेश नहीं कर सकता, क्योंकि मंदिर की ऊंचाई सिर्फ सवा हाथ (करीब 2.5 से 3 फीट) है। ऐसे में मंदिर में सिर्फ गजानन महाराज ही मूषक  के साथ विराजित हैं। मंदिर के बाहर से ही बप्पा की पूजा अर्चना की जाती है।

बप्पा की महिमा: यह है अनोखा गणेश मंदिर, कोई भक्त नहीं कर सकता प्रवेश

मीरकलां गेट के नीचे है मंदिर

खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)

अब तक आपने गजानन महाराज के कई मंदिर देखे होंगे। शाजापुर जिले में भी गणेशजी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां विराजित मंगलमूर्ति भक्तों पर अपना स्नेह लुटाते हैं। ऐसे ही शाजापुर में एक मंदिर ऐसा भी है, जिसका आकार जानकार आप चौंक जाएंगे। यह मंदिर महज सवा हाथ जितना बड़ा है। जी हां! महज सवा हाथ ऊंचाई वाला मंदिर। इस मंदिर में कोई भी भक्त प्रवेश नहीं कर सकता। बाहर बैठकर ही भगवान की पूजा अर्चना की जा सकती है। इस मंदिर में सूक्ष्म रूप में गणपतिजी विराजमान हैं। शहर के लोग पीढिय़ों से इस मंदिर को देखते आ रहे हैं।  

भगवान श्री गणेश का यह अनोखा मंदिर शाजापुर के मीरकला बाजार स्थित मुगलकालीन द्वार के नीचे सडक़ के किनारे पर स्थित है। मंदिर का आकार देखकर इसे सबसे छोटा मंदिर कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। मंदिर के पास ही दुकान का संचालन करने वाले प्रकाश गुप्ता का परिवार मंदिर की देखरेख करता है।  बकौल गुप्ता शाजापुर में 16वीं सदी का शाहजहां कालीन किला बना था। किले के निर्माण के साथ ही किला रोड, मीरकला, सोमवारिया व कसेरा बाजार में चार प्रवेश द्वार भी बनाए गए थे। इन्हीं में से मीरकला क्षेत्र का प्रवेश द्वार है। इसी के साथ नीचे भगवान गणेश का छोटा सा मंदिर है। सडक़ से सटे इस मंदिर के ऊपरी हिस्से पर एक दुकान बनी हुई है। गेट के साथ ही इसकी स्थापना हुई थी।  

शहर की सुरक्षा करते हैं बप्पा

यह मंदिर मीरकलां सहित आसपास के लोगों की आस्था का केंद्र है। वहां रहने वाले शहरवासी व व्यापारी भगवान श्री गणेश के दर्शन के साथ ही अपने दिन की शुरुआत करते हैं। कहते हैं कि बप्पा की मौजूदगी से ही शहर में कोई मुसीबत नहीं आती और बप्पा हर समय वहां मौजूद रहकर पूरे शहर की सुरक्षा करते है। कई बार मुसीबत भी आई तो वह टल गई। यही वजह है कि यहां प्रतिदिन लोग बप्पा का आशीर्वाद लेकर ही अपने दिन और काम की शुरुआत करते हैं।