शाही सवारी: झमाझम के बीच आस्था का उफान, नीलकंठेश्वर के जयकारों से गूंजा नया शाजापुर
सोमवार को गरासिया घाट पर विराजित भगवान नीलकंठेश्वर महादेव लाव लश्कर के साथ नगर भ्रमण पर निकले। झमाझम बारिश के बीच पालकी में विराजित भगवान के मुखारबिंद के दर्शन कर भक्त निहाल हो गए। झड़ी में भीगते हुए भक्तों में भगवान का पुष्पवर्षा से स्वागत किया।
धूमधाम से निकली नीलकंठेश्वर महादेव की शाही सवारी
खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)
शाजापुर शहर में सोमेश्वर महादेव, मंगलनाथ महादेव, जयेश्वर महादेव और ओंकारेश्वर महादेव की सवारी चीलर नदी के पार पुराने शहर के पारंपरिक मार्गों से निकाली जाती है। विगत कुछ वर्षों से गरासिया घाट स्थित नीलकंठेश्वर महादेव की सवारी भी निकाली जा रही है। भगवान श्री नीलकंठेश्वर पालकी में विराजित होकर महूपुरा, स्टेशन रोड, धोबी चौराहा टंकी चौराहा क्षेत्र में भ्रमण करते हैं और भक्तों पर अपना आशीष लुटाते हैं। धीरे-धीरे यह सवारी भव्य रूप लेती जा रही है। 22 अगस्त सोमवार को भारी बारिश के बीच शाही सवारी निकली। इसमें शामिल बैंड, आकर्षक झांकियों में लोगों का मन मोह लिया।
सवारी की शुरुआत गरासिया घाट स्थित नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर से हुई जहां सर्वप्रथम बाबा का आकर्षक शृंगार किया गया। इसके बाद उनका जलाभिषेक कर सभी के मंगल की कामना के साथ बाबा को पालकी में विराजित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल के जयकारे के साथ महादेव की शाही सवारी की शुरुआत हुई। जिसमें ताशा पार्टी, बैंड और कई झांकियां भी शामिल हुई। इसके बाद सवारी विभिन्न मागों से होती हुई पुन: मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई, जहां महादेव की आरती कर प्रसादी वितरण किया गया।
इंद्रदेव ने भी किया स्वागत
सोमवार को दिनभर बारिश का दौर जारी रहा। इस दौरान जब शहर में बाबा नीलकंठेश्वर महादेव नगर भ्रमण पर निकले तब अचानक बारिश तेज हो गई। ऐसा लगा मानो नगर भ्रमण पर निकले महादेव का इंद्रदेव स्वागत करने आए हो और उनके स्वागत में ही बारिश रूपी पुष्प बरसा रहे हो। वही बरसते पानी में भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ और वे छाते व रेनकोट पहन सवारी का इंतजार करते रहे और जैसे ही महादेव उनके सम्मुख पहुंचे भक्तों में उनका आशीर्वाद लेने की होड़ सी मच गई और हर कोई महादेव के दर्शन पाने को लालायित दिखा।
झांकियां रही आकर्षण का केंद्र
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नीलकंठेश्वर महादेव की सवारी में भूतों की सवारी, ताशा पार्टी के अलावा झांकियां भी शमिल की गई। जिसमें वेद पुराणों की कथाओं के अनुसार झांकियां निर्माण की गई थी। झांकियां देखने के लिए भी भक्तों में खासा उत्साह रहा और इन झांकियों का भी लोगों ने आनंद उठाया।