इस कारण किसानों को रूला रहा है प्याज

त्योहार के समय एहतियात के तौर पर इंटरनेशनल बॉर्डर बंद कर दी जाती है। इसका असर स्थानीय थोक आलू-प्याज-लहसुन मंडी में देखने को मिल रहा है। निर्यात कम होने के कारण डिमांड कम हो गई, जबकि आवक ज्यादा है। ऐसे में प्याज के दाम 1 रुपए किलो तक भी हो गए हैं। इधर पुणे से प्रतिवर्ष होने वाली लहसुन की डिमांड बंद हो गई। इस कारण लहसुन के दाम भी 3 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गए हैं। अभी इसी तरह के हालात बने रहने की संभावना है।

इस कारण किसानों को रूला रहा है प्याज

पुणे से डिमांड खत्म तो लहसुन भी आई जमीन पर

खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)

शाजापुर जिले में प्याज की बंपर पैदावार होने लगी है। बड़ी संख्या में किसान प्याज की खेती करते हैं। इससे शाजापुर का प्याज देश के दूसरे प्रांतों में तो निर्यात होता ही है। वहीं इंटरनेशनल बॉर्डर खुली होने पर बांग्लादेश में प्याज की जमकर डिमांड रहती है। इसके चलते प्याज के अच्छे दाम किसानों को मिल जाते हैं, लेकिन वर्तमान में बांग्लादेश बॉर्डर बंद है। ऐसे मेें प्याज का निर्यात नहीं हो पा रहा है। वहीं आवक ज्यादा होने से दाम पर असर पड़ रहा है। 

वर्तमान में शाजापुर से प्याज यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल जा रहा है, लेकिन वहां भी डिमांड कम होने के कारण इसके दाम कम मिल रहे हैं। इसके चलते मंडी में प्याज के भाव 1 रुपए से लेकर 10 रुपए प्रति किलो तक मिल रहे हैं। मंडी कर्मचारियों के अनुसार अच्छे क्वालिटी की प्याज के दाम 10 रुपए प्रतिकिलो तक हैं, लेकिन जो प्याज छोटी और खराब क्वालिटी की है। उसके दाम 1 रुपए प्रतिकिलो तक ही मिल पाते हैं। इधर किसानों के पास स्टॉक ज्यादा होने के कारण मंडी में आवक भी बढ़ गई है। इस स्थिति में दाम कम हो गए हैं। विगत करीब 2 माह से यही हालत बनी हुई है। सोमवार को ही मंडी में करीब 45 हजार कट्टे (22 हजार क्विंटल) प्याज की आवक हुई।

3 रुपए किलो लहसुन  

शाजापुर जिले से लहसुन  की सबसे ज्यादा डिमांड महाराष्ट्र के पुणे में होती थी। इसके चलते यहां व्यापारी किसानों से अच्छे दाम पर माल खरीदकर पुणे में अच्छे दाम में बेचते थे, लेकिन इस बार पुणे में लहसुन  की डिमांड ही नहीं मिल रही है। ऐसे में लहसुन के दाम कम हो गए हैं। हालांकि भरपाई के लिए वर्तमान में लहसुन को तमिलनाडू और आंध्रप्रदेश भेजा जा रहा है, लेकिन यहां पर भी डिमांड बहुत कम होने के कारण भाव कम मिल पा रहे हैं। स्थानीय मंडी की बात करें तो सोमवार को ही यहां पर करीब एक हजार क्विंटल लहसुन की आवक हुई। इसके दाम 3 रुपए प्रतिकिलो से लेकर 17 रुपए प्रतिकिलो तक रहे।

300 किलो प्याज बेचने पर किसान को मिले थे दो रुपए

स्थानीय कृषि उपज मंडी में विगत दिनों देवास जिले के ग्राम भुदानी के किसान ने 6 बोरी प्याज लाकर बेचा था। प्याज लाने और हम्माली-तुलाई का खर्च किसान ने संबंधित व्यापारी से करवाया था। बाद में व्यापारी ने किसान की 6 बोरों में भरी तीन क्विंटल प्याज की एक बोरी 60 रुपए, दो बोरी 75 रुपए प्रति और शेष 3 बोरी 40 रुपए प्रति के मान से खरीदी। 6 बोरी प्याज बेचने के बाद किसान को 330 रुपए का बिल बनाया गया। इस बिल में ट्रांसपोर्ट के 280 और हम्माली व तुलाई के 48 रुपए का खर्च जोड़ा गया। ऐसे में किसान को आय हुई 330 रुपए और खर्च हुआ 328 रुपए। इसके चलते व्यापारी द्वारा खर्च काटकर शेष बचे 2 रुपए का भुगतान किसान को कर दिया गया। बिल का यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जमकर चर्चा में रहा था।