ऑनलाइन दवा बिक्री हो रही घातक, सिंदल ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर दी चेतावनी

एआईओसीडी ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर की ऑनलाईन दवा बिक्री बंद करने की मांग, मांग पूरी न होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

ऑनलाइन दवा बिक्री हो रही घातक, सिंदल ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर दी चेतावनी
विकास सिंदल, अध्यक्ष, जिला केमिस्ट एसोसिएशन शाजापुर 

खबरीराम 24 डॉट कॉम @ शाजापुर 

पूरे भारत में 12 लाख 40 हजार केमिस्ट और ड्रगिस्टों का प्रतिनिधित्व करने वाली एआईओसीडी ने घर-घर दवाई पहुचाने वाले ऑनलाइन प्लेटफार्म को बंद करने की मांग की है ताकि लोगों के घर बीमारी नहीं दवाई पहुंचे। इस मांग के पूरा न होने पर एआईओसीडी ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंदल ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान घर-घर दवाइयां पहुंचाने की विशेष अनुमति, जिसका अवैध ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है से जन स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो रहा है को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। एआईओसीडी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है और तीसरी बार संगठन ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर कोविड-19 महामारी के दौरान जारी अधिसूचना जीएसआर 220 (ई) को रद्द करने की अपील की है। यह अधिसूचना जीएसआर 220 (ई) कोविड महामारी के दौरान मार्च 2020 में प्रकाशित की गई थी, जिसमें दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण को विनियमित करने के लिए औषधि अधिनियम की धारा 26बी के तहत कुछ शर्तों के साथ आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया था और इसके तहत घर-घर दवाइयों की आपूर्ति की अनुमति दी गई थी और कुछ नियमों जैसे दवाओं की बिक्री के लिए प्रिस्क्रिप्शन पर मुहर लगाने की आवश्यकता (नियम 65) को अस्थायी रूप से केवल विशेष परिस्थितियों के रूप में अलग रखा गया। 

आवश्यक नियामक सुरक्षा उपायों का नहीं हो रहा पालन

सिंदल ने बताया कि इस अधिसूचना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय दवा विक्रेताओं के माध्यम से आपातकालीन स्थितियों में दवाओं की डिलीवरी करना था, लेकिन अब स्विगी और अन्य डिजिटल प्लेटफॉमर््स द्वारा आवश्यक नियामक सुरक्षा उपायों का पालन किए बिना घर पर दवाएं पहुंचाने के लिए इसका दुरुपयोग किया जा रहा है ये सभी अवैध प्लेटफॉर्म बिना किसी वैध प्रिस्क्रिप्शन के दवाएं विक्रय कर रहे हैं, जिससे स्व चिकित्सा, नशीली दवाओं का दुरुपयोग और रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) जैसी गंभीर समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। ऐसे सभी अवैध प्लेटफॉर्म मरीजों की सुरक्षा को नजरअंदाज करके केवल अपने मुनाफे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जबकि इस अधिसूचना का मूल उद्देश्य विशिष्ट परिस्थितियों में वैध लाइसेंस प्राप्त नजदीकी दवा विक्रेताओं के लिए दवाओं की डिलीवरी करना था न कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के द्वारा महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों को दरकिनार करना। 

महामारी का आपातकाल हो चुका है समाप्त

जिलाध्यक्ष सिंदल ने बताया कि ऑल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन की मांग है कि अब देश में महामारी का आपातकालीन चरण अब समाप्त हो चुका है और सामान्य स्थिति लौट आई है इसलिए यह अधिसूचना अब प्रासंगिक नहीं है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। दवाओं की बिक्री और वितरण के लिए प्रिस्क्रिप्शन और अन्य सुरक्षा नियमों का कढ़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। देश में दवाओं की अवैध ऑनलाइन बिक्री को तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए ताकि दवाओं की अनियमित बिक्री को रोका जा सके। ऑल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन मानना है कि जन स्वास्थ्य और सरक्षा को बनाए रखने के लिए सरकार का कदम जरूरी है। वहीं अगर सरकार इस हेतु सकारात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो ऑल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन अपने सभी 12.40 लाख सदस्यों के साथ आंदोलन करने को मजबूर होगी।