आपत्तिजनक नारेबाजी: पार्षद शमी उल्ला हमीद चाचा गिरफ्तार, नगर पालिका से पहले पहुंचा जेल 

नगर पालिका चुनाव में मतगणना के बाद विजय जुलूस में आपत्तिजनक नारेबाजी के आरोप में कोतवाली पुलिस ने वार्ड 12 के पार्षद के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी पार्षद को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

आपत्तिजनक नारेबाजी: पार्षद शमी उल्ला हमीद चाचा गिरफ्तार, नगर पालिका से पहले पहुंचा जेल 
पुलिस गिरफ्त में आरोपी पार्षद शमीउल्ला हमीद चाचा

वीडियो वायरल होने के बाद हिदूवादी संगठनों ने किया था विरोध प्रदर्शन

खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR 

17 जुलाई को नगर पालिका चुनाव के लिए मतगणना हुई। इसके बाद वार्ड क्रमांक-12 से विजयी हुए पार्षद के विजय जुलूस में आपत्तिजनक नारेबाजी का मामला सामने आया था। इसका वीडियो शनिवार 23 जुलाई को सोशल मीडिया में वायरल हुआ। मामला पुलिस तक पहुंचा और पुलिस ने जब मामले की जांच की तो वह सही पाया गया। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने पार्षद शमी उल्ला हमीद चाचा के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे  कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

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बता दें, शनिवार शाम को विश्वहिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता स्थानीय बस स्टैंड पर एकत्रित होकर रैली के रूप में एसपी कार्यालय पहुंचे और एसपी जगदीश डावर को ज्ञापन के माध्यम से बताया था कि नगर पालिका परिषद के लिए 17 जुलाई को हुई मतगणना के बाद वार्ड क्रमांक-12 से निर्दलीय पार्षद के रूप में निर्वाचित शमी उल्ला हमीद चाचा का विजय जुलूस निकला था। इस विजय जुलूस में आपत्तिजनक नारेबाजी की गई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मामले को लेकर विहिप-बजरंगदल ने आपत्तिजनक नारेबाजी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की थी। पुलिस ने मामले की जांच की और मामला सही पाए जाने पर पुलिस ने पार्षद शमी उल्ला के खिलाफ धारा 153 बी व 188 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और  न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया।

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ACT 153 (B) से जुड़े कुछ सवाल

पार्षद शमी उल्ला हमीद चाचा के खिलाफ पुलिस ने ACT 153 B और ACT 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। ACT 153 बी क्या है और इसमें कितनी सजा होती है। शाजापुर के एडवोकेट हेमंत वर्मा ने इससे जुड़े कुछ सवालों के जवाब दिए।

1. आइपीसी की ACT 153 (B ) में क्या अपराध होता है ?

जवाब: राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन प्राख्यान।  राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले भाषण देना या लांछन लगाना। यह भी अजमानतीय है, और संज्ञेय है । इसमें 3 साल की जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। यदि ऐसा अपराध सार्वजनिक पूजा स्थल पर किया जाए, तो यह अपराध गंभीर हो जाता है। इसमें 5 वर्ष की जेल और जुर्माना हो सकता है। यह भी संज्ञेय किस्म का अपराध है और यह अजमानतीय भी है।

2.   इस ACT 153 B की जमानत कहां से होती है?

जवाब:  इस धारा की जमानत कोर्ट से ही होती है।

3.   क्या पुलिस को इस ACT 153 B के आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए वारंट दिखाने की जरूरत होती है?

जवाब:  पुलिस इस धारा के आरोपी को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती हैं।

4.  इस ACT 153 B के मुकदमे की सुनवाई किस कोर्ट में होती है?

जवाब: ऐसे अपराधों को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट सुनता है।