public issue: बीच बाजार मुर्गा हलाल, सडक़ से निकलना हुआ मुहाल
शाजापुर शहर के कई क्षेत्रों में चिकन और मटन की दुकानों के कारण लोगों का जीना मुहाल होता जा रहा है। नियमों के विपरीत शहरी क्षेत्र में चल रही इन दुकानों से उठ रही गंदगी के कारण सडक़ से निकलना तक मुश्किल होता जा रहा है। कई जगह अवैध रूप से रखी हुई गुमटियों के बाहर ही मुर्गा, मुर्गी और अन्य पशुओं को काटा जा रहा है। ऐसे में शाकाहारी और सात्विक आहार पसंद लोगों को यहां से निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नियमों के विरुद्ध चल ही दुकानें
खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)
स्लाटर हाउस (बूचडख़ाने), मटन-चिकन-मछली दुकान चलाने के लिए करीब 8 विभागों की परमिशन लेना होती है। नियमों के अनुसार स्लाटर हाउस या मटन-चिकन, अंडा-मछली विक्रय केंद्र शहरी सीमा से बाहर होना चाहिए लेकिन शाजापुर में ऐसा कुछ नजर नहीं आता। यहां शहरी क्षेत्र में ही धड़ल्ले से ये दुकानें चल रही हैं। वार्ड क्रमांक 25 में भाजपा कार्यालय के सामने मूलीखेड़ा रोड पर बने कॉम्प्लेक्स में करीब आधा दर्जन दुकानें खुल गई हैं। यहां दुकानों के बाहर पिंजरे में मुर्गों को रखा जाता है और ग्राहक के आने पर दुकान मुर्गे को हलाल कर दिया जाता है। आसपास रहवासी कॉलोनी भी है। ऐसे में दिन में कई बार लोगों को ना चाहते हुए यह हिंसक दृश्य देखना पड़ता है। साथ ही इन दुकानों से निकलने वाली गंदगी और बदबू के कारण आसपास के रहवासियों और व्यापारियों को कॉलरा, टायफाइड, पेचिस, स्किन डिसीज जैसी गंभीर बीमारियों का डर सता रहा है।
मूलीखेड़ा रोड पर इस कॉम्प्लेक्स में और आसपास के क्षेत्र में चिकन-मटन की दुकानें चल रही हैं।
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बेरछा रोड पर अतिक्रमण कर लगा ली गुमटी
वार्ड क्रमांक 3 में बेरछा रोड पर रेलवे पुल के पास उद्योग विभाग की दीवार से सटकर एक गुमटी लगी हुई है। यहां चिकन बेचा जाता है। यहां खुलेआम मुर्गों को काटा जा रहा है। सामने ही अंडा दुकान भी है। शाम होते ही यहां मछली वाले भी आ जाते हैं। इस कारण यहां से भयंकर बदबू उठती है। दिन ढलने के बाद यहां की दुकानों पर शराबियों और नशेडिय़ों का जमावड़ा लगने लगता है। ऐसे में आम आदमी यहां से निकलने में दस बार सोचता है। इसके अलावा महूपुरा , गिरवर तालाब के पास, मीरकलां सहित अन्य क्षेत्रों में इस मांस दुकानें शहरी क्षेत्र में ही चल रही हैं। इस मामले में नगर पालिका सीएमओ राकेश चौहान ने बताया कि मामला संज्ञान में है, स्वतंत्रता दिवस पर्व के बाद इस पर कार्रवाई करेंगे।
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यहां-वहां फेंक रहे पशु अंग
पशुओं का वध करने के बाद उनका मांस बेच दिया जाता है। इसके बाद कई दुकान संचालक पशुओं के अवशेष और खून नालियों में बहा देते हैं। इन दुकानों के बार श्वान भी मंडराते रहते हैं। पशु अवशेष खाने के लिए वे हिसंक हो जाते हैं और आते-जाते लोगों पर हमला कर देते हैं।
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इन शर्तों का पालन करना अनिवार्य
- मटन, मछली और चिकन की दुकान सब्जी की दुकान के पास नहीं होना चाहिए।
- धार्मिक स्थल से मीट की दुकान की दूरी 50 मीटर और धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार से 100 मीटर दूर होना चाहिए।
- दुकान के अंदर पशु और पक्षी नहीं कटना चाहिए। वे स्लाटर हाउस से काटकर लाया गया मांस ही दुकान पर बेच सकते हैं।
- मटन-चिकन दुकान के कर्मचारियों को शासकीय डॉक्टर से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है।
- पशुओं को काटने से पहले और बाद में वेटरनरी डॉक्टर से मेडिकल जांच कराना अनिवार्य है लेकिन ऐसा ना के बराबर ही होता है।
- मीट की गुणवत्ता के लिए पशु डॉक्टर का प्रमाण होना जरूरी है।
- शहरी इलाकों में सर्किल ऑफिसर, नगरीय निकाय और फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स प्रशासन से एनओसी लेना जरूरी होती है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत, सर्किल अफसर और एफएसडीए एनओसी देंगे।
- मटन-चिकन दुकानों में बीमार या गर्भवती पशुओं को नहीं काट सकते।
- व्यापारी को हर छह महीने में दुकान में सफेदी करवाना जरूरी है।
- मटन और चिकन काटने के औजार स्टील के होना जरूरी है।
- दुकानों का कचरा निस्तारण के लिए उचित व्यवस्था होना जरूरी है।
- स्लाटर हाउस या बूचडख़ानों से खरीदे गए मांस का हिसाब रखना जरूरी है।
- इंसुलेटेड फ्रीजर वाली गाडिय़ों में रखकर ही मांस को बूचडखानों से दुकान तक लाया जा सकता है।
- दुकान में पारदर्शी दरवाजे वाला रेफ्रिजरेटर होना जरूरी है, जिसके अंदर मांस को रखा जा सके।
- दुकान में गीजर भी होना चाहिए।
- मटन, चिकन या मछली की दुकान के बाहर पर्दे या गहरे रंग का ग्लास होना चाहिए ताकी बाहर से मांस नजर ना आए
- एफएसडीए के किसी मानक भी मानक का अगर उल्लंघन होता है तो दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है।