SHAJAPUR: साइबर सेल प्रभारी की कार का ‘रेस्क्यू’
शुक्रवार देर भोपाल से शाजापुर लौटते समय सुंदरसी में कालीसिंध नदी के पुल पर हादसे का शिकार हुए साइबर सेल प्रभारी की कार रविवार को घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूरी पर नदी की गहराई में मिली। एसडीआरएफ के गोताखारों ने लगातार दो दिन तक कार का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और उनकी कार को नदी से बाहर निकाल लिया।
पुल पर पानी होने के बाद भी कर रहे थे नदी पार
खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)
जिले के साइबर सेल प्रभारी (एसआई) अंकित मुकाती शुक्रवार को भोपाल से ट्रेनिंग लेकर अपनी निजी कार से शाजापुर की तरफ आ रहे थे। रात करीब 9.30 बजे ग्राम सुंदरसी पहुंचने पर उन्हें कालीसिंध नदी उफान पर होने से रास्ता बंद मिला। इसके बाद उन्होंने जोखिम लिया और पास की छोटी पुलिया से कार निकालने लगे। इस दौरान पुलिया पर नदी का पानी था। देखते ही देखते कार तेज बहाव में बहने लगी। इस दौरान नदी के किनारे बैठे दो युवकों ने नदी में छलांग लगाई और कार का गेट खोलकर एसआई मुकाती को बाहर निकाल लिया।
दो दिन चली मशक्कत
हादसा शुक्रवार देर रात हुआ था। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने शनिवार को दिनभर कार की सर्चिंग की, लेकिन उसका सुराग नहीं लगा। इसके बाद रविवार सुबह एक बार फिर सर्चिंग शुरू की गई। इस दौरान घटनास्थल से करीब 100 मीटर की दूरी पर गहराई में एसआई मुकाती की कार मिल गई। एसडीआरएफ टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद कार को नदी से निकाला।
चली जाती जान
ग्राम सुंदरसी में कालीसिंध नदी की पुलिया पर निर्माण कार्य चल रहा है। यहां से गुजरने वाले वाहनों को रोकने के लिए वहां ठेकेदार ने कुछ लोगों को नियुक्त कर रखा है। जब यह हादसा हुआ वहां ठेकेदार हिरेंद्र ठाकुर भी मौजूद था, जिसने उन्हें छोटी पुलिया से गुजरने से मना भी किया था और टॉर्च से सिग्नल भी दिया था। लेकिन उन्होंने इसे अनदेखा कर दिया। यदि वे सिग्नल देख लेते तो यह हादसा नहीं होता।
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हो चुकी है तहसीलदार की मौत
15 अगस्त की शाम को सीहोर जिले में भी इस तरह हादसा हो चुका है, जिसमें शाजापुर की मोहन बड़ोदिया तहसील के तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर और सीहोर के पटवारी महेंद्र रजक की मौत हो चुकी है। वे आष्टा के समीप एक ढाबे से भोजन के बाद लौट रहे थे। तभी उफनती सीवन नदी को पार करने के दौरान उनका वाहन नदी में बह गया था। पटवारी का शव तो अगले दिन मिल गया था, लेकिन तहसीलदार का शव घटना के पांचवें दिन करीब 350 किमी दूर श्योपुर जिले के बड़ौदा गांव में नदी से मिला था।