SHAJAPUR: नई नगर सरकार का इन पांच चुनौतियों से होगा सामना
शाजापुर शहर में नगर पालिका चुनाव संपन्न हो गए। प्रेम जैन अध्यक्ष और संतोष जोशी उपाध्यक्ष निर्वाचित हो गए। अब जल्द ही शपथ ग्रहण के साथ विभिन्न समितियां अस्तित्व में आ जाएंगी और कार्यभार संभालते ही करीब ढाई साल से प्रशासक के भरोसे चल रही नगर पालिका में जनप्रतिनिधि नजर आने लगेंगे। नई नगर सरकार के लिए पांच बड़ी चुनौतियां तैयार हैं। ये हैं शहर की खराब सडक़ें, आवारा मवेशी, जलभराव, गंदा पेयजल सप्लाई और कचरा प्रबंधन। शाजापुर का हर व्यक्ति इससे परेशान है। इसलिए नई नगर सरकार के क्रियाशील होने के साथ ही त्वरित निराकरण की दिशा में कार्य की अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं।
ढाई साल बाद मिलेगी नई नगर सरकार
खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)
करीब ढाई साल बाद शाजापुर को नई नगर सरकार मिल रही है। इससे शहर विकास और जनसुविधा की आस तो रहेगी ही, पहली जरूरत रोजमर्रा में सामने आने वाली समस्याओं से निपटने की होगी। शहर में ऐसी अनेक अव्यवस्थाएं पसरी हुईं हैं, जिन्हें चुनौती माना जा सकता है, जिनका सामना नगर सरकार को सबसे पहले करना पड़ सकता है। हालांकि इनसे निजात दिलाने के लिए नगर पालिका में पहले से ही सिस्टम हैं, लेकिन ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो रहा। नतीजतन व्यवस्थाएं सुधारने के लिए नगर पालिका समय-समय पर कार्रवाई भी करती है लेकिन लोगों को पूरी तरह राहत भी नहीं मिल रही।
इन चुनौतियों से होगा सामना
आवारा मवेशी
आवारा मवेशी सडक़ों पर बैठे रहते हैं। रात में इनकी संख्या बढ़ जाती है। इससे हादसे की आशंका रहती है।
शाजापुर शहर में आवारा मवेशियों की भरमार है। बारिश के दिनों में मुख्य मार्गों से लेकर रिहायशी क्षेत्रों में सडक़ों पर मवेशियों का जमावड़ा रहता है। इससे दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। लोग नगर पालिका में शिकायत करते हैं तो उन्हें वहां से संतोषजनक जवाब तक नहीं मिलता। यहां पशु पालकों पर कार्रवाई तक नहीं होती, इस कारण वे पशुओं के दूध का दोहन करने के बाद उन्हें खुला छोड़ देते हैं। ये मवेशी राह चलते लोगों पर हमला तक कर देते हैं।
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सीवरेज ने बिगाड़ दी सडक़ें
शहर की सडक़ें खस्ताहाल हो रही हैं।
शाजापुर शहर में प्रचलित सीवरेज प्रोजेक्ट के कारण शहर की अच्छी खासी सडक़ें भी खस्ताहाल हो गई हैं। सीवरेज की धीमी चाल और खोदी गई सडक़ों का कई जगह ठीक से पैंचवर्क नहीं होने से सडक़ों की हालत खराब है। अब बारिश में गड्ढे बढऩे लगे हैं। खराब सडक़ें यातायात व्यवस्था बिगाड़ रही है वहीं दुर्घटना का खतरा भी बढ़ गया है। नगर पालिका ने चूरी-मुरम डालकर कुछ जगह पैचवर्क जरूर किया है लेकिन नाकाफी है।
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स्वच्छता अभियान का नहीं असर
वार्ड क्रमांक 4 में एसपी बंगले के पास की गली में कचरे के अघोषित ठिये पर मवेशी मंडराते रहते हैं। यहां से निकलने का रास्ता तक नहीं बचता।
शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान का कहीं असर नहीं दिखता है। लोग जहां चाहे वहां कचरा फेंकते हैं। कचरा वाहन भी नियमित और समय पर नहीं आता। ऐसे में रहवासी इलाकों के साथ ही शहर के बाजारों में जगह-जगह कचरे के ठिये बन गए हैं। यहां दिनभर मवेशी कचरे में मुंह मारते दिखाई देते हैं। कई मवेशी आपस में भिड़ जाते हैं, जिससे राहगीरों की जान आफत में आ जाती है। शहर में कचरे के ठिये की गंदगी के कारण बदबू के साथ ही मच्छर भी पनप रहे हैं, जिनसे बीमारियों का डर रहता है।
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साफ पेयजल
वाटर वक्र्स में पानी साफ करने के बाद भी शहर में गंदा पानी सप्लाई हो रहा है।
शाजापुर के कई वार्डों में नलों से गंदा पानी सप्लाई होता है। लाख कोशिशों के बाद भी नगर पालिका इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रही है। इसकी वजह शहर में पुरानी पेयजल लाइन को बताया जा रहा है, तो जगह-जगह से लीकेज है। इस कारण गंदगी पाइप से होकर नलों के माध्यम से घरों तक पहुंच रही है। इस समस्या के कारण के वार्ड क्रमांक 20 के रहवासी नगर पालिका में प्रदर्र्शन तक कर चुके हैं।
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जलभराव से परेशानी
नगर पालिका द्वारा बारिश से पूर्व नाले और नालियों की सफाई के दावे जरूर किए गए लेकिन थोड़ी ही बारिश में सडक़ें पानी में पूरी तरह डूब जाती हैं। कई रहवासी कॉलोनी व व्यापारिक क्षेत्रों में बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति बन जाती है जिससे जनजीवन के साथ ही व्यापार भी प्रभावति होता है। तत्काल जलनिकासी नहीं होने से नालियां ओवरफ्लो हो जाती है और इनकी गंदगी सडक़ों पर फैल जाती है। इससे बारिश थमने के बाद भी शहर में गंदगी नजर आती है।