शाजापुर: जैन समाज के बच्चों ने नाटक के माध्यम से  दिया बड़ा संदेश

ओसवाल सेरी स्थित जैन उपाश्रय में जैन समाज के बच्चों ने नाटक के माध्यम से माता-पिता की सेवा करने का संदेश दिया है। बच्चों ने बताया कि माता-पिता का सम्मान करने वालों को परमात्मा का आशीर्वाद  मिलता है।

शाजापुर: जैन समाज के बच्चों ने नाटक के माध्यम से  दिया बड़ा संदेश
ओसवाल सेरी स्थित जैन उपाश्रय में नाटक की प्रस्तुति देते बच्चे।

 खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR 

संसार में ईश्वर के बाद यदि कोई पूजनीय है तो वह माता-पिता हैं। जिनके त्याग, समर्पण और संस्कारों से हम समाज में सम्मान पाते हैं। हमें कभी अपने माता-पिता का दिल नहीं दुखाना चाहिए, इनका सम्मान करने वालों को परमात्मा का भी आशीर्वाद मिलता है।

यह बात रविवार को ओसवालसेरी स्थित जैन उपाश्रय में जैन उपाश्रय में समाज के बच्चों तन्वी, केवल्य, धैर्य, संकल्प, गर्वित व मितिशा ने लघु नाट्य मंचन के माध्यम से उपस्थित समाजजनों को दिया। इस अवसर पर आशीर्वचन देते हुए अमित-अनंत शिशु जैन साध्वी शुद्धि प्रसन्ना श्रीजी की सुशिष्या समृद्धिश्रीजी ने कहा कि व्यक्ति के लिए परिवार का विशेष महत्व होता है। हर सुख-दु:ख में परिवार ही साथ निभाता है। परिवार की यह व्यवस्था प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान के काल से प्रारंभ हुई। जो व्यक्ति धर्म प्रिय होता है वही लोकप्रिय भी होता है और जो लोकप्रिय होता है वही परिवार को भी प्रिय होता है। इसके विपरीत जो अपने परिवार का नहीं होता वह किसी का नहीं होता। परिवार से छल-कपट करने वाला एक दिन अपने किए का फल जरूर पाता है।

 साध्वी श्री ने कहा कि परिवार संस्कारों की प्रथम पाठशाला है, जहां व्यक्ति के नैतिक व्यक्तित्व का निर्माण होता है। उन्होंने एक प्रसंग का सार बताते हुए कहा कि वस्तुपाल और तेजपाल दोनों भाइयों ने बचपन से ही धर्म से संबंध जोड़ लिया, जो जीवन के अंत तक अटूट रहा। ये उनके परिवार के संस्कारों का ही प्रभाव था। इस दौरान साध्वी प्रवृद्धि श्रीजी भी पाट पर विराजित रहे। वहीं बड़ी  संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।