शाजापुर: नाले को किया डायवर्ट, धंसने लगी कॉलोनी की जमीन, चटक गई सडक़
एबी रोड पर महात्मा गांधी कॉन्वेंट स्कूल के सामने बनी उमिया धाम कॉलोनी में बारिश के कारण मुसीबत होने लगी है। यहां प्लॉट काटने के लिए बरसो पुराने नाले को डायवर्ट कर बाउंड्रीवॉल बना दी गई। इससे तेज बारिश में उफान पर आए नाले के पानी को निकलने के लिए जगह नहीं मिल रही। ऐसे में यह पानी भराव की हुई जमीन को कमजोर कर रहा है, साथ ही बाढ़ की स्थिति में तबाही मचा सकता है।
बाउंड्री बनाकर कर दिया भराव
खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR
सोमवार सुबह खबरीराम 24 डॉट कॉम के एक पाठक ने फोन कर इसकी सूचना दी, इस पर संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर नजारा देखा तो यह स्थिति सामने आई। फूलखेड़ी हनुमान मंदिर के पीछे से एक नाला निकलता है। पहले यह नाला काफी चौड़ा था, लेकिन कॉलोनी निर्माण के चलते इसका स्वरूप छोटा होता गया। इसके किनारे पर बाउंड्रीवॉल बना दी गई और दूसरी तरफ मिट्टी का भराव कर प्लॉट काट दिए गए। इसकी बाउंड्रीवॉल से सटकर ही भवन भी बन गए हैं, जो नाले में बाढ़ आने की स्थिति में क्षतिग्रस्त भी हो सकते हैं।
नाले पर बाउंड्रीवॉल बनाकर उस पर निर्माण कार्य हो रहा है। आगे नाले की सीमा में ही बाउंड्री बना दी गई है, इस कारण पानी का रास्ता संकरा हो गया है।
धंसने लगी जमीन
कॉलोनी में भराव करने के कारण माता मंदिर भी नीचे हो गया है। ऐसे में बारिश का पानी यहां भी पहुंच रहा है। साथ ही नाले के दूसरी तरफ बन रही कॉलोनी तक पहुंचने के लिए पुल का निर्माण किया गया है। इसके पास से नाले का पानी रोकने के लिए बाउंड्रीवॉल बना दी गई है। यहां मिट्टी से भराव कर प्लॉट काटने के लिए जमीन को समतल करने की कोशिश की गई है। लेकिन लगातार तेज बारिश के कारण यह मिट्टी धंसने लगी है, कई जगह गड्ढे भी नजर आ रहे हैं। बारिश के कारण जमीन भी पोली हो गई है।
टूट गई सडक़
नाले के किनारे करीब 30 फीट तक भराव करने के बाद भी जमीन में मजबूती नहीं आई है। यहां सीमेंट क्रांकीट की सडक़ भी बनी हुई है, लेकिन लगातार बारिश के कारण नीचे की मिट्टी धंसने से यह सडक़ किनारे से टूट गई है। साथ ही यहां एक गड्ढा भी हो गया है, जो किसी भी दिन हादसे का कारण बन सकता है। ऐसे में इस जगह पर भवन बनता है तो भविष्य में मिट्टी धंसने से बड़ा हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
यह भी पढ़ें... शाजापुर के ‘पुष्पाराज’!!, झुकने को तैयार नहीं, तीसरे को मौका देने के मूड में भाजपा
पीली मिट्टी से कर दिया भराव
कॉलोनी में ही नगर पालिका की ओर से सीवरेज प्रोजेक्ट के अंतर्गत नाले के किनारे इंटेकवेल बनाया गया है। इसके पास ही खाली पड़ी जमीन पर पीली मिट्टी से भराव किया गया है। यह जमीन भी धंसने लगी है। इसके किनारों पर पीचिंग तक नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि यह जमीन भा नाले की परिधि में आती है।
यह भी पढ़ें... बोलाई वाले हनुमान दरबार में अध्यक्ष के दावेदार की सौगंध !!
इस तरह नाले की बाउंड्रीवॉल बनाकर दूसरी तरफ भराव कर दिया गया है।
नाला उफान पर आया तो होगा नुकसान
जानकार बताते हैं कि नदियां और नाले अपना प्रवाह बदलते रहते हैं। लेकिन वह कब मूल प्रवाह पर आ जाएं कहा नहीं जा सकता। नदियों और नालों के प्रवाह बदलने पर लोग डूब क्षेत्र में काबिज हो जाते हैं मगर नदी और नालों को जब कुदरत से इतनी शक्ति मिल जाती है कि वह अपने मूल प्रवाह पर जा सके तो वह जाते हैं। इसके बाद तो तबाही ही होती है। ऐसे ही कॉलोनी में नाले किनारे निर्माण हो गए हैं और जमीन को समतल कर प्लॉट बेच दिए गए हैं। ऐसी स्थिति फूलखेड़ी हनुमान मंदिर के पास की भी है। यहां भी नाले पर बाउंड्री बनाकर भवन बना दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें... यह है नपाध्यक्ष का तीसरा चेहरा, जमीनी कार्यकर्ता को अवसर देकर परंपरा कायम रखेगी भाजपा!!
यह है नियम
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक चाहे नई कॉलोनी का निर्माण करना हो या किसी अन्य प्रकार का निर्माण करना हो। शहरी इलाके में मुख्य नालों से 9 मीटर दूर निर्माण किया जाना चाहिए। इससे पहले यदि निर्माण किया जाता है तो उसे अतिक्रमण की श्रेणी में माना जाता है, लेकिन इस कॉलोनी में नाले की बाउंड्री के ऊपर से ही निर्माण हो गया है और कुछ भवनों के लिए निर्माण कार्य चल रहा है।