आचार संहिता: मंदिर परिसर में ही भ्रमण करेंगे भगवान 

शहर के डांसी रोड स्थित श्री जगदीश मंदिर में शुक्रवार को रथयात्रा महोत्सव मनाया जाएगा। इस बार आचार संहिता के चलते रथयात्रा मंदिर परिसर में ही निकाली जाएगी। रथयात्रा के बाद भक्तों को प्रसाद वितरण किया जाएगा। 

आचार संहिता: मंदिर परिसर में ही भ्रमण करेंगे भगवान 
मंदिर में प्रतिमाओं को नियत स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर रख दिया गया।

डांसी रोड स्थित श्रीजगदीश मंदिर में रथयात्रा महोत्सव

 खबरीराम 24 डॉट कॉम @ शाजापुर (मप्र)

शहर के डांसी रोड स्थित भगवान श्रीजगदीश मंदिर में शुक्रवार को रथयात्रा महोत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए भगवान की प्रतिमाओं को अपने स्थान से हटा दिया गया। शुक्रवार सुबह इन प्रतिमाओं का अभिषेक कर पूजन और शृंगार किया जाएगा। इसके बाद महाआरती की जाएगी। बाद में सभी को प्रसादी वितरण किया जाएगा।

प्रतिवर्ष निकाली जाने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस वर्ष भी नहीं निकाली जाएगी। मंदिर पर ही रथयात्रा महोत्सव धूमधाम से मनाया जाकर भगवान को केसरिया भात का भोग लगाकर प्रसादी वितरण किया जाएगा। गत दो वर्षों से कोरोना संक्रमण को लेकर जारी गाइड लाइन के पालन में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकाली जा सकी। इस दौरान मंदिर में भगवान का विशेष शृंगार करके आरती कर प्रसादी का वितरण किया गया। इस बार उम्मीद थी कि इस वर्ष भगवान की रथयात्रा निकाली जाएगी, लेकिन मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने आचार संहिता को देखते हुए रथयात्रा नहीं निकालने का निर्णय लिया। 1 जुलाई को डांसी रोड स्थित भगवान जगदीश के मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा की प्रतिमाओं का विशेष शृंगार किया जाएगा। इसके बाद बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तों के बीच भगवान की महाआरती की जाएगी। बाद में सभी को भगवान जगन्नाथ को भोग लगाए जाने वाले केसरिया भात की प्रसादी का वितरण किया जाएगा। यह जानकारी श्री जगदीश मंदिर के संरक्षक रामचंद्र भावसार ने दी।

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जगन्नाथपुरी से लाई गई हैं प्रतिमाएं

जो प्रतिमाएं डांसी रोड स्थित श्री जगदीश मंदिर में विराजित है वैसी प्रतिमाएं पूरे क्षेत्र में कहीं पर भी नहीं है। बताया जाता है कि हिंदू पंचांग अनुसार जिस वर्ष दो अषाढ़ माह होते है उस वर्ष सभी स्थान जहां भगवान जगन्नाथ की प्रतिमाएं विराजित है वहां प्रतिमाएं बदली जाती है। इसी क्रम में जिस वर्ष पुरी के जन्नाथ मंदिर में विराजित प्रतिमाओं के स्थान पर जब नई प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा हुई उसी वर्ष जगन्नाथ पुरी से भगवान की प्रतिमाओं को शाजापुर लाकर भगवान जगदीश के मंदिर के विराजित पुरानी प्रतिमाओं के स्थान पर विराजित किया गया। इसके बाद से ही मंदिर से रथयात्रा निकाली जाने लगी।

मंदिर में भ्रमण कराकर किया जाएगा विराजित

वर्तमान में श्रीजगदीश मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भगवान बलराम की प्रतिमाओं को अपने नियत स्थाने हटा दिया गया। शुक्रवार को मंदिर में भगवान की प्रतिमाओं को भ्रमण कराने के बाद नियत स्थान पर विराजित किया जाएगा। इसके बाद भगवान की महाआरती की जाएगी और फिर भगवान को भोग लगाकर पारंपरिक प्रसादी केसरिया भात का वितरण किया जाएगा। गुरुवार को जगन्नाथ मंदिर पर व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए संरक्षक रामचंद्र भावसार, मंदिर व्यवस्थापक तुलसीराम भावसार सहित नंदकिशोर भावसार, डॉ. बबलू भावसार सहित अन्य उपस्थित थे।

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