Shajapur Pride: यह हैं शाजापुर के युवा, अपने खून से ‘सींच’ रहे दूसरों की जिंदगी

शाजापुर शहर के युवा सामाजिक कार्यों में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं, कई युवा इसके लिए तन-मन-धन से सहयोग देते हैं, ऐसे ही शहर के कुछ युवक हमेशा रक्तदान करने के लिए तैयार रहते हैं। किसी मरीज के लिए फोन आने पर वे सारे काम छोडक़र अस्पताल पहुंचते हैं और रक्तदान करते हैं। 

Shajapur Pride: यह हैं शाजापुर के युवा, अपने खून से ‘सींच’ रहे दूसरों की जिंदगी

जरूरत मंदों के लिए बने संजीवनी

खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)

रक्तदान में इतिहास रच चुके शाजापुर के युवा कभी किसी को खून की जरूरत होने पर तुरंत पहुंच जाते हैं। हाल ही में एक ही दिन में तीन जिंदगियां बचाने का पुण्य कार्य शहर के युवाओं ने किया, जिनकी जिंदादिली की कहानी हर किसी की जुबान पर है।

दरअसल उदनखेड़ी निवासी थैलेसिमिया से पीडि़त 8 वर्षीय लक्ष्य  हर 20 दिन में खून की जरूरत पड़ती है। रविवार को भी लक्ष्य को खून की जरूरत पड़ी थी, लेकिन जिला अस्पताल में खून उपलब्ध नहीं था। ऐसे में जिला अस्पताल प्रशासन ने उन्हें शहरवासियों के रक्तदाताओं की सूची और फोन नंबर उपलब्ध करवाए। इसमें एक नंबर निकला विजय शर्मा का। परिजन ने विजय को फोन लगाया तो उन्होंने तुरंत हामी भर दी और सारा काम छोडक़र जिला अस्पताल पहुंच गए और बालक को रक्तदान कर दिया। कुछ ही देर बाद शहर के रक्तदाता अमित राठौर को इसी तरह का फोन पहुंचा और वे भी अपने कार्यालय से इमरजेंसी अवकाश लेकर अस्पताल पहुंचे और रक्तदान कर एक जीवन बचाया। कुछ ही देर बाद एक और युवक को और खून की जरूरत पडी, लेकिन अस्पताल में मौजूद विजय शर्मा और अमित राठौर पहले ही रक्तदान कर चुके थे। ऐसे में लक्ष्य धाकड़ की मां दीपिका धाकड़ ने यह जिम्मेदारी अपने पर ली और रक्तदान किया।

धाकड़ ने बताया कि जब उनके बच्चे के लिए शहर के युवाओं ने अपना काम छोडक़र रक्तदान किया तो वे भी किसी का जीवन बचाने के लिए इतना तो कर ही सकती है।

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व्यापारी प्रीतेश जैन भी हर समय रहते हैं तेयार

शहर के व्यापारी प्रीतेश जैन ने भी अपना नाम रक्तदाताओं की सूची में दर्ज करवा रखा है और वे भी हर समय रक्तदान करने के लिए तैयार रहते है। रविवार को इनको भी सूचना मिली थी कि एक बच्चे की जान खतरे में है ओर उसे तुरंत खून की आवश्यकता है। सोशल मीडिया पर आए इस मैसेज को पढक़र बिना किसी को सूचना दिए जैन तुरंत जिला अस्पताल पहुंचे और रक्तदान किया। जिसके चलते उक्त बालक की जान बच सकी। जैन ने बताया कि रक्तदान करना हमारे लिए भी स्वास्थ्यवद्र्धक है और समय-समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए।  

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शहीद दिवस पर रचा था इतिहास

जिला प्रशासन द्वारा 23 मार्च को शहीद दिवस पर रक्तदान की अपील की थी। शहरवासियों ने लगातार दूसरे वर्ष इस अपील पर अलग-अलग जगहों पर विभिन्न संगठनों के माध्यम से रक्तदान किया था। शहरवासियों की इस समर्पण भावना के चलते जिला पूरे प्रदेश में रक्तदान के मामले में प्रथम पायदान पर पहुंचा था, जिसके चलते प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने सभी रक्तदाताओं के सम्मान मे आयोजित समारोह में सभी रक्तदाताओं को सम्मानित कर उनका आभार व्यक्त किया था।