Shajapur Pride: धर्म की राह पर पर्यावरण संरक्षण की पहल

शाजापुर के युवाओं ने धर्म की राह पर चलकर पर्यावरण संरक्षण की पहल की है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के युवा पत्रकारों और शहर के गणमान्यजनों के ओम नम: शिवाय भक्त मंडल की ओर से श्रावण माह में शिव मंदिर परिसरों में बिल्व पत्र का पौधा लगाया जा रहा है, साथ ही यहां आने वाले भक्तों को पौधे वितरित कर उन्हें पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

Shajapur Pride: धर्म की राह पर पर्यावरण संरक्षण की पहल
ओम नम: शिवाय भक्त मंडल के सदस्यों ने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को किया बिल्व पत्र के पौधों का वितरण

मंदिर में श्रद्धालुओं को बांटे बिल्व पत्र के पौधे

खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)

मंगलवार को सावन की शिवरात्रि के मौके पर ओम नम: शिवाय भक्त मंडल के सदस्यों ने धानमंडी के पास स्थित श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर परिसर में बिल्व पत्र के पौधे का रोपण किया। इसके बाद सदस्यों ने मंदिर में आने वाले भक्तों को बिल्व पत्र के पौधे का वितरण करते हुए उन्हें अपने घर में गमले, बगीचे या किसी खाली जगह पर लगाने का आग्रह किया। साथ ही उनसे निवेदन किया कि पौधे की नियमित रूप से देखभाल करें।

सदस्यों ने मंदिर में परिसर में बिल्व पत्र के पौधे का रोपण किया

मंगलवार सुबह 11.30 बजे मंदिर परिसर में यह आयोजन हुआ। ओम नम: शिवाय भक्त मंडल के सदस्यों ने श्रद्धालुओं को जब बिल्व पत्र के पौधों को वितरण किया तो लोगों ने कहा कि अच्छा हुआ आपने पौधा दे दिया। हम कई दिनों से बिल्व पत्र का पौधा घर में लगाने की सोच रहे थे। अब यह पौधा घर के बगीचे में लगाएंगे और पेड़ बनने तक इसकी देखभाल करेंगे। बिल्व पत्र में भगवान शिव का वास होता है, ऐसे में रोजाना पौधे के पास घी की दीपक जलाएंगे, इससे भोलनाथ भी प्रसन्न होंगे, वातावरण में शुद्घता आएगी और घर का माहौल भी सकारात्मक रहेगा।

पर्यावरण की रक्षा के साथ धर्म का कार्य भी

ओम नम: शिवाय भक्त मंडल के सदस्यों ने चर्चा में बताया कि बारिश के मौसम में पौधरोपण सभी को करना चाहिए। पौधों और पेड़ों के कारण ही पर्यावरण में संतुलन बना रहता है। अभी सावन का महीना चल रहा है। ऐसे में भगवान शिव को चढऩे वाले बिल्व पत्र के पौधों का वितरण कर रहे हैं। ऐसे में पौधे की देखभाल के साथ ही भगवान शिव की सेवा का भी पुण्य लोगों को मिलेगा। साथ ही घर में बिल्व पत्र का पौधा लगाने से सकारात्मकता रहेगी और वातावरण भी शुद्ध होगा। सदस्यों ने बताया कि सावन के हर सोमवार को शिव मंदिरों में पौधों का वितरण किया जा रहा है। इस बार मंगलवार को सावन की शिवरात्रि पर पौधे बांटे गए हैं।

बिल्व पत्र के बारे में जानिये कुछ बातें...

भोलेनाथ को क्यों चढ़ाते हैं बिल्व पत्र ?: पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने विष का पान किया था। इससे उनके गले में तीव्र जलन होने लगी। बिल्वपत्र में विष निवारक गुण होते हैं, इसलिए जहर का असर कम करने के लिए उन्हें बिल्वपत्र चढ़ाया गया। मान्यता है कि तभी से भोलेनाथ को बिल्पपत्र चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। बिल्वपत्र की तीन पत्तियों वाला गुच्छा भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि इसके मूलभाग में सभी तीर्थों का वास होता है। यदि महादेव को सोमवार के दिन बिल्वपत्र चढ़ाना है तो उसे रविवार के दिन ही तोड़ लेना चाहिए क्योंकि सोमवार को बिल्व पत्र नहीं तोड़ा जाता है।

बिल्व पत्र का पौधा लगाने से क्या होता है ?: दरिद्रता को दूर करने के लिए घर में बिल्व पत्र का पौधा जरूर लगाना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं। बिल्व पत्र का पत्ता धन स्थान पर रख सकते हैं। इससे घर में हमेशा बरकत बनी रहती है। आर्थिक संपन्नता के लिए इसे उत्तर-दक्षिण दिशा में लगाए।

बिल्व पत्र का पौधा घर में क्यों लगाना चाहिए ?: घर के आंगन में बिल्वपत्र का पौधा लगाने से घर पापनाशक और यशस्वी हो जाता है। अगर पेड़ घर के उत्तर-पश्चिम में लगा हो तो इससे यश बढ़ता है। वहीं घर के उत्तर-दक्षिण में पौधा हो तो सुख-शांति बढ़ती है और बीच में हो तो मधुर जीवन बनता है।

बेल के पेड़ में जल देने से क्या होता है ?: बिल्व पत्र के वृक्ष को शिवजी का वास स्थान माना जाता है। इसलिए सोमवार के दिन बेल के वृक्ष पर जल चढ़ाने एवं शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से व्यक्ति के सभी काम बन जाते हैं।

बिल्वपत्र के पेड़ के नीचे दिया जलाने से क्या होता है ?: बिल्व पेड़ की घी के दीपक से पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।  

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