शाजापुर में है चमत्कारी हनुमान मंदिर, एक हजार साल पुरानी प्रतिमा, पल भर में दूर हो जाती हैं बाधा, मिलता है संतान का सुख
शाजापुर शहर में प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है, जहां विराजित हनुमानजी के दर्शन मात्र से हर तरह की बाधा दूर हो जाती है, निसंतान दंपतियों को संतान का सुख मिल जाता है। साथ ही हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। यह है मंदिर है डांसी वाले बाबा का। यहां विराजित प्रतिमा करीब 1 हजार साल से भी ज्यादा प्राचीन है। शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर यहां हजारों श्रद्धालु ं पहुंचेंगे और बाबा से आशीर्वाद लेंगे।
प्रसिद्ध डांसी वाले हनुमान मंदिर की यह है कहानी
खबरीराम 24 @ शाजापुर (मप्र)
शाजापुर में हनुमान जी के 108 मंदिर हैं और सभी मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं, लेकिन इन सभी के बीच करीब 1 हजार वर्ष से ज्यादा प्राचीन श्री डांसी हनुमान जी के दर्शन का अलग ही महत्व है। मान्यता अनुसार यहां हनुमान जी से मांगी गई प्रत्येक मनोकामना को डांसी वाले बाबा (हनुमान जी) पूरा करते हैं। प्रतिदिन यहां सुबह से लेकर शाम तक भक्तों की आवाजाही लगी रहती है।
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मंदिर में मांगी गई मनोकामना होती है पूरी
मंदिर पुजारी पं. कौटिल्य जोशी ने बताया कि उनके परिवार की करीब 8 पीढिय़ों से इसी मंदिर में सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह तो उन्हें भी ठीक से नहीं पता कि उक्त मंदिर कितना प्राचीन है, लेकिन पूर्वजों के बताए अनुसार करीब 1 हजार वर्ष से ज्यादा प्राचीन प्रतिमा है। पुजारी जोशी ने बताया कि मंदिर में आए दिन चमत्कार देखने को मिलते हैं। सबसे ज्यादा निसंतान दंपतीा यहां पहुंचते हैं। जिनकी गोद भराई की जाती है। महाराष्ट्र के जलगांव से पति-पत्नी ने यहां आकर संतान प्राप्ती के लिए गुहार लगाई। मंदिर से उनकी गोद भराई की गई। यहां के आशीर्वाद से उक्त दंपती को संतान सुख मिला। इसके बाद वो दो वाहन पूरे भरकर अपने परिवार के सदस्यों के साथ मंदिर आए। उन्होंने मंदिर में हनुमान जी को चोला चढ़वाया और प्रसादी वितरण किया। ऐसे ही अनेक उदाहरण है जिसमें शहर से लेकर देशभर के अलग-अलग स्थानों से भक्तों ने मंदिर पहुंचकर अपनी गुहार लगाई और उनकी मनोकामना पूर्ण हुई।
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दूर होती है प्रेत बाधा, मवेशियों का होता है उपचार
पुजारी जोशी ने बताया कि डांसी वाले बाबा की स्वयं-भू प्रतिमा है। जिन लोगों को किसी प्रकार की बाधा या हवा का चक्कर होता है उन्हें भी मंदिर लाया जाता है। मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के समीप लगी हुई लोहे की रैलिंग पर जब संबंधित का हाथ रखा जाता है तो फिर उसके पूरा ठीक होने के बाद ही उसका हाथ वहां से हट पाता है। लगभग प्रतिदिन यहां पर कोई न कोई चमत्कार दिखाई देता हैं। मनुष्यों के साथ ही यहां पर कई लोग अपने मवेशियों की परेशानी को लेकर भी पहुंचते है। जिन्हें मंदिर से बाबा की मली, धूप और प्रसादी दी जाती है। जिससे मवेशी भी स्वस्थ हो जाते हैं। पुजारी जोशी ने बताया यहां पर लोग अपनी मन्नतें लेकर पहुंचते हैं और फिर उनकी मन्नत भी जरूर पूरी होती है।