लोकायुक्त में शिकंजे में ऐसे फंसा पटवारी आत्माराम धानुक, छोटे से काम के लिए कर रहा था डिमांड, रुपए लेकर यहां छिपा दिए
शाजापुर में शुक्रवार सुबह करीब 9.30 बजे उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी आत्माराम धानुक को 3000 रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोच लिया। पटवारी धानुक द्वारा नामांतरण में सुधार के एवज में युवक से यह राशि मांगी गई थी। रिश्वत नहीं देने पर पटवारी धानुक कार्य करने से आनाकानी कर रहा था। इससे परेशान होकर युवक ने उज्जैन लोकायुक्त को इसकी शिकायत कर दी। इसके बाद योजना बनाकर लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने शुक्रवार सुबह पटवारी आत्माराम धानुक को रंगेहाथ दबोच लिया।
नामांतरण में त्रुटि सुधार के लिए मांगे थे तीन हजार रुपए, रिश्वत लेकर डायरी में छिपाई, लोकायुक्त टीम पहुंची तो उड़ गए होश, गुलाबी हो गए हाथ
खबरीराम 24 @ शाजापुर (मप्र)
पटवारी आत्माराम धानुक पर यह कार्रवाई ग्राम गिरवर निवासी योगेश (26) पिता महेश पाटीदार की शिकायत पर हुई है। योगेश ने बताया कि जिला शाजापुर की ग्राम महूपुरा में उसने 2000 वर्गफीट जमीन खरीदी है। आठ मार्च 2022 को तहसीलदार शाजापुर ने उक्त जमीन का नामांतरण आदेश मेरे नाम से जारी किया गया था। यह आदेश मुझे वाट़्सएप पर मिला था। आदेश को जब देखा तो उसमें त्रुटिवश 2000 वर्ग फीट की जगह पर 2000 वर्गमीटर लिख दिया गया था। इस गलती में सुधार करवाने के लिए मैंने हलका पटवारी आत्माराम धानुक से संपर्क किया। उन्होंने मुझे तहलीलदार कार्यालय में आवेदन करने के लिए कहा। मैंने आवेदन भी कर दिया। इसके बाद दोबारा पटवारी से संपर्क किया तो उन्होंने गलती सुधारने के लिए तीन हजार रुपए की मांग की। योगेश ने बताया कि रुपए देने में असमर्थता जताई तो पटवारी धानुक कार्य करने में आनाकानी करने लगे। करीब डेढ़ माह तक मैं परेशान होता रहा। इसके बाद ६ मई को लोकायुक्त उज्जैन एसपी को इसकी शिकायत कर दी।
लोकायुक्त के शिकंजे में रिश्वतखोर पटवारी आत्माराम धानुक (सफेद शर्ट में)
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वॉइस रिकॉर्डिंग से हुई रिश्वत मांगने की पुष्टि, रुपए लेते ही गुलाबी हो गए हाथ
लोकायुक्त डीएसपी राजकुमार सरार्फ ने बताया कि आवेदक योगेश पिता महेश पाटीदार ने छह मई को उज्जैन लोकायुक्त एसपी को इसकी शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि पटवारी आत्माराम धानुक द्वारा नामांतरण में सुधार के एवज में तीन हजार रुपए की मांग की जा रही है। रुपए नहीं देने पर कार्य करने में आनाकानी की जा रही है। डीएसपी सरार्फ ने बताया कि शिकायत की पुष्टि के लिए आवेदक को वॉइस रिकॉर्डर दिया गया। इसमें आवेदक योगेश और आरोपी पटवारी आत्माराम धानुक की बातचीत की रिकॉर्डिंग हो गई। इसमें आरोपी पटवारी आवेदक योगश से तीन हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। इसके बाद प्रकरण पंजीबंद्ध कर टे्रप कार्रवाई की योजना बनाई गई।
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रुपए देते ही किया इशारा, पहुंच गई लोकायुक्त टीम
फरियादी योगेश पाटीदार
लोकायुक्त पुलिस द्वारा सोडियम कार्बोनेट लगाकर तीन हजार रुपए के नोट आवेदक योगेश को दिए गए। तय समय अनुसार शुक्रवार सुबह करीब 9.30 बजे योगश को टंकी चौराहा पर एसपी बंगले के सामने स्थित पटवारी के निजी कार्यालय भेजा गया। यहां योगेश ने पटवारी को रुपए देकर बाहर खड़ी लोकायुक्त टीम को इशारा कर दिया। इशारा मिलते ही लोकायुक्त टीम पहली मंजिल पर स्थित पटवारी आत्माराम धानुक के कार्यालय पहुंच गई। लोकायुक्त टीम को देखकर पटवारी धानुक ने रिश्वत की राशि डायरी के नीचे छिपा दी। लोकायुक्त दल ने रुपए निकलवाए और जब्त कर लिए। इसके बाद पटवारी धानुक के हाथ पानी में डुबोए गए तो वे गुलाबी हो गए। इसके बाद पटवारी को गिरफ्तार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
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पटवारी के बेटे ने किया हंगामा
इधर कार्रवाई की सूचना लगते ही मौके पर पटवारी धानुक का बेटा भी पहुंच गया। वह लोकायुक्त कार्रवाई को लेकर विरोध दर्ज करवाने लगा। ऐसे में में लोकायुक्त टीम ने उसे बाहर ले जाकर समझाइश दी। इसके बाद वह चुप हुआ। हालांकि पटवारी के बेटे की उम्र को देखकर लोकायुक्त दल ने उस पर वैधानिक कार्रवाई नहीं की। सिर्फ समझाइश देकर उसे छोड़ दिया।