थकान मिटाने गए और थककर चूर हो गए ‘फरार पार्षद’

नगर पालिका चुनाव में जीतने के बाद भाजपा के 17 पार्षद और पार्षद प्रतिनिधि 19 जुुलाई से तीर्थाटन कर रहे हैं। थकान मिटाने और देवदर्शन का बहाना कर शहर से एक तरह से फरार किए गए जनता के ये प्रतिनिधि करीब 12 दिन में इतना घूम लिए हैं कि अब इन पर दोबारा थकान चढ़ती नजर आ रही है। 

थकान मिटाने गए और थककर चूर हो गए ‘फरार पार्षद’
19 जुलाई को शहर से जाने के बाद 20 जुलाई को भोपाल में मंत्री इंदरसिंह परमार के बंगले पर पार्षदों का स्वागत-सम्मान किया गया। इसके बाद से पार्षद देवदर्शन कर रहे हैं।

बाड़े में बंद पार्षद

खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)

17 जुलाई को नगर पालिका चुनाव परिणामों में 17 प्रत्याशी भाजपा के, कांग्रेस के 9, दो निर्दलीय और एक आम आदमी पार्टी का प्रत्याशी जीता। स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी को अपने पार्षदों पर कतई विश्वास नहीं है, तभी तो ‘खरीदी-बिक्री-बोली-नीलामी’ के डर से उन्हें लग्जरी वाहनों में भरकर शाजापुर से दूर भेज दिया गया। बताया गया कि वे चुनाव के कारण बहुत थक गए हैं, ऐसे में थकान मिटाने और माहौल परिवर्तन के साथ ही देवदर्शन के लिए गए हैं। उन्हें गए 12 दिन हो चुके हैं, लेकिन पार्षद और पार्षद प्रतिनिधि अब तक नहीं लौटे हैं। 

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तीन अगस्त को भोपाल लौटेंगे

भाजपा के पदाधिकारियों ने चर्चा में बताया कि सभी पार्षद घूमकर तीन अगस्त को भोपाल आ जाएंगे। दो दिन वे वहीं रहेंगे। इसके बाद पांच अगस्त को नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के समय भोपाल से सीधे नगर पालिका पहुंचेंगे। यहां प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही उन्हें घर जाने की इजाजत होगी। चुनाव निपटने तक वे अध्यक्ष प्रत्याशी के ‘मेहमान’ ही रहेंगे।

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यहां-यहां घूम लिए

कांग्रेस की सेंधमारी से बचने के लिए भाजपा ने अपने पार्षदों और महिला पार्षद के प्रतिनिधियों को मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान और उत्तरप्रदेश के तीर्थ स्थलों की सैर भी करवा दी है। सांवरियाजी, नाथद्वारा, अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन और गिरिराजजी की परिक्रमा करवाने के साथ ही उन्हें हिल स्टेशन भी घुमाए गए। गंगा और यमुना नदी में डुबकी भी लगवाई गई। ऐसे में कुछ पार्षद तो बहुत खुश हैं लेकिन कुछ पार्षद अब इससे उब चुके हैं। कुछ वहां से भी फरार होने की कोशिश में थे लेकिन संगठन के निर्देश के कारण मन मारकर यहां-वहां भटक रहे हैं। 

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अब होने लगी अपच

देवदर्शन पर गए एक पार्षद ने मोबाइल पर हुई संक्षिप्त चर्चा में बताया कि होटल का खाना अब हजम नहीं हो रहा, घर के भोजन की बहुत याद आ रही है। परिवार और बच्चों की भी बहुत याद आ रही है। अब पता नहीं कब तक घूमना पड़ेगा। अब घूम-घूमकर हम बुरी तरह थक चुके हैं।  ऊपर से आदेश आता है कि आज यहां जाना है, कल वहां जाना है, हम सिर्फ बैग उठाकर गाड़ी में बैठ जाते हैं। अब जल्द से जल्द अध्यक्ष के चुनाव हो जाए और हम घर लौट जाएं। मंदिरों में भगवान से भी यहीं कामना कर रहे हैं।

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शहर में यह चर्चा

जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के इतने दिन तक शहर के गायब रहने पर शहर के लोगों में यहीं चर्चा है जिस तरह से अपराधी कोई भी गुनाह कर फरार हो जाता है, उसी तरह हमारे पार्षद चुनाव जीतकर भी गुनहगार की तरह फरारी काट रहे हैं।  

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