शाजापुर: छह साल का निष्कासन 34 दिन में खत्म, बागी फिर भाजपा में शामिल

कहते हैं कि राजनीति में अपने फायदे के लिए कुछ भी किया जा सकता है, फिर चाहे चाल, चरित्र और चेहरा ही क्यों ना बदलना पड़े। मप्र के शाजापुर की राजनीति को देखकर यही लग रहा है। यहां भाजपा से बगावत कर  वार्ड क्रमांक 2 से अपनी पत्नी को चुनाव लड़वा चुके सतीश राठौर का छह साल का निष्कासन भाजपा ने 34 दिन में ही खत्म कर दिया।   

शाजापुर: छह साल का निष्कासन 34 दिन में खत्म, बागी फिर भाजपा में शामिल
सोमवार को भाजपा जिलाध्यक्ष अंबाराम कराड़ा ने सतीश राठौर को भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई।

टिकट नहीं मिला तो लड़ा चुनाव

खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)

शाजापुर नगर पालिका के 29 वार्डों में प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा को काफी मशक्कत करना पड़ी। कई दमदार प्रत्याशियों को दरकिनार कर कुछ ऐसे लोगों को टिकट दे दिया गया, जो चुनाव में बुरी तरह हार गए। ऐसे में पार्टी की किरकिरी भी हुई। ऐसे में वार्ड क्रमांक २ में अपनी पत्नी भुवनेश्वरी राठौर के लिए टिकट मांग रहे भाजपा कार्यकर्ता सतीश राठौर ने भी बगावत का बिगुल फूंकते हुए निर्दलीय रूप से नामांकन दाखिल कर दिया। जब काफी समझाइश के बाद भी सतीश नाम वापसी के लिए राजी नहीं हुए तो 27 जून 2022 को सतीश को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्काषित कर दिया गया।

यह भी पढ़ें...   थकान मिटाने गए और थककर चूर हो गए ‘फरार पार्षद’

228 वोट से जीता चुनाव

भाजपा के निष्कासन के बाद सतीश ने अपनी पत्नी को वार्ड में दमदारी से चुनाव लड़वाया और निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की रंजना सीपी चावड़ा को 228 वोट से हार का मुंह दिखाया। ऐसे में सतीश की पत्नी को टिकट नहीं देने का भाजपा का फैसला भी गलत साबित हुआ। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से नगर पालिका अध्यक्ष के लिए सेंधमारी के प्रयासों के चलते एक-एक वोट कीमती हो गया है। ऐसे में भाजपा ने निर्दलीय पार्षद को भाजपा की सदस्यता दिलाकर एक वोट पक्का कर लिया है। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष अंबाराम कराडा ने सतीश और उनकी पत्नी भुवनेश्वरी को भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई।  

यह भी पढ़ें... बाड़ाबंदी: मंत्री के बंगले पर 9 पार्षद और 6 पार्षद प्रतिनिधि... दो गायब !!

अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए हुए घर वापसी

प्रदेशभर में भाजपा के खिलाफ जाकर चुनाव लडऩे वाले बागियों को छह साल के लिए निष्कासित किया गया था। लेकिन कई बागी चुनाव में अप्रत्याशित रूप से जीत गए हैं। ऐसे में पहले उन्हें टिकट नहीं देने का पार्टी हाइकमान का निर्णय गलत साबित हो गया। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि अब नगर पालिका और नगर परिषदों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन पार्षद ही करेंगे, ऐसे में पार्टी को उनके वोट की भी जरूरत होगी। इसलिए अपने ही आदेश को पलटते हुए भाजपा ने बागियों को घर वापसी करवा दी है। इस संबंध में संवाददाता ने भाजपा के जिलाध्यक्ष अंबाराम कराड़ा से चर्चा करना चाही, लेकिन उनका मोबाइल अनरिचेबल का संदेश देता रहा।

यह भी पढ़ें...  शाजापुर: भाजपा के पांच बागी छह साल के लिए निष्कासित

सीएम दे चुके चेतावनी

शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद  ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर बताया कि कुछ जिलों में भितरघात के कारण पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों में पार्टी को बहुत नुकसान हुआ है। सीएम ने संकेत दिए हैं कि बगावत और भितरघात को नहीं रोक पाने के कारण भाजपा के 19 जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है। इन जिलों में एक शाजापुर भी है। बस इस कॉन्फ्रेंसिंग के बाद बागी होकर जीते कार्यकर्ताओं को ताबड़तोड़ पार्टी की सदस्यता से नवाजा जा रहा है।

इन बागियों को किया था निष्कासित

भाजपा ने सतीश राठौर के अलावा बंटी भावसार, शुभांगी रघुवंशी, इमरान अली और मूलचंद जाटव को छह साल के लिए निष्कासित किया था। इनमें से सिर्फ सतीश का निष्कासन खत्म किया गया है।