जनसुनवाई में फूूट पड़ा आंखों के डॉक्टर खान का दर्द
59 लाख देने के बाद भी न जमीन मिली न अनुमति, बार-बार बोलने के बाद भी महिला कर रही टालमटोल, शासन को भी लगा दिया चूना, थक हारकर नेत्र चिकित्सक पहुंचा जनसुनवाई में
खबरीराम 24 @ शाजापुर (मप्र)
जमीन के बदले पैसे छीनने के मामले शहर में कई बार सामने आ चुके हैं। अब एक कॉलोनाईजर ने शहर के जाने-माने नेत्र चिकित्सक से लाखों रुपए ले लिए, जिसके बदले न उन्हें जमीन मिली और न ही अनुमति। थक हारकर नेत्र चिकित्सक ने जनसुनवाई का सहारा लिया, जहां उन्होंने आवेदन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
जनसुनवाई में सौंपे गए आवेदन में सेवानिवृत्त डॉ. एआर खान ने बताया कि उन्होंने ग्राम मगरिया में सर्वे क्रमांक 95/2/5 व 99/2/7 एबी रोड पर जमीन खरीदने के लिए पूजा पति सर्वेश अग्रवाल ने प्रार्थी से अस्पताल निर्माण के लिए क्रय करने का प्रस्ताव दिया और यह प्रदर्शित किया कि वह एक पारंगत कालोनाइजर हैं और सारा काम फेयर होगा। इसके लिए महिला ने 8 अगस्त 2020 का आवेदन-पत्र भी दिखाया इसमेंं स्वीकृति का उल्लेख किया गया था। डॉ. खान ने विश्वास में करते 20 अगस्त 2020 को 49 हजार रुपए का चेक दे दिया तथा 25 अगस्त को भी 10 लाख रुपए का चेक प्रदान कर दिया गया। चेक लेकर महिला ने भरोसा दिलाया कि वह उनके हित में ही सारा काम करेगी और उन्हें परेशानी नहीं होगी, लेकिन कई दिनों बाद भी जब डॉ. एआर खान को जमीन और अनुमति नहीं मिली तो उन्होंने महिला से चर्चा की तब महिला ने उन्हें फिर पक्का काम करने का आश्वासन दिया। इस तरह महिला ने उनसे 20 लाख 49 हजार रुपए प्राप्त कर लिए, लेकिन डॉ. खान को जमीन और अनुमति नहीं मिली। डॉ. खान ने उक्त महिला के खिलाफ कार्रवाई करने दी गई राशि वापस दिलवाए जाने की मांग की है।
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शासन को भी लगाया चूना
डॉ. खान ने आरोप लगाया कि उन्होंने महिला को 59 लाख रुपए से अधिक की राशि दे दी है, लेकिन उसने न तो नामांतरण करवाया और न ही रजिस्ट्री करवाई। यहां तक कि उसने अवैधानिक तरीके से संपत्ति विक्रय की और शासन से भी तथ्य छुपाए। जिसके चलते उन्होंने शासन को भी लाखों की चपत लगाई है।
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एवीडी ने की मानदेय दिलवाने की मांग
4 माह से कार्य का मानदेय नहीं मिलने पर जिला अस्पताल के एवीडी ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जनसुनवाई में आवेदन प्रस्तुत करते हुए मानदेय दिलवाए जाने की मांग की है। जनसुनवाई में दिए गए आवेदन में एवीडी संतोष राठौर ने बताया कि वो जिला अस्पताल में 8 वर्ष से एवीडी (अल्टर्नेट वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूटर) वैकल्पिक वैक्सीन वितरक के रूप में शहरी क्षेत्र शाजापुर के विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों में वैक्सीन वितरित करने का काम करता है। इसके लिए उसे 90 रुपए प्रति सत्र के मान से प्रतिमाह भुगतान किया जाता था, लेकिन विगत 4 माह का मानदेय करीब 53 हजार रुपए का भुगतान (नियमित टीकाकरण एवं कोविड वैक्सीनशेन) अभी तक नहीं किया गया है। इसके चलते राठौर को पारिवारिक भरण पोषण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आवेदन में एवीडी राठौर ने बताया कि उसने इस संबंध में शहरी सुपरवाइजर, नोडल अधिकारी, सीएमएचओ को भी कई बार अवगत कराया, लेकिन उसके मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है।
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सभी का भुगतान किया, मेरा रोक दिया
एवीडी राठौर ने बताया कि 31 मार्च 2022 को बजट होने के चलते जिले के अन्य सभी एवीडी का भुगतान कर दिया गया, लेकिन उसका भुगतान रोक दिया गया। जब संतोष ने इसका कारण पूछने का प्रयास किया तो उसे कोई सकारात्मक जवाब भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में आर्थिक परेशानी झेल रहे संतोष ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई है। इसके चलते उसे 11 हजार 300 रुपए का भुगतान करते हुए शिकायत वापस लेने की बात कही गई है। एवीडी राठौर ने उसके संपूर्ण बकाया मानदेय की राशि दिलवाए जाने की मांग की है।