यह भी जांच का विषय: सामान्य पगार पाते हैं पटवारी, फिर भी सर्वसुविधा युक्त निजी कार्यालय से करते हैं कार्य
शाजापुर के महूपुरा हल्का के पटवारी आत्माराम धानुक को उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते दबोच लिया। पटवारी को टंकी चौराहा के पास एसपी बंगले के सामने उसके निजी ऑफिस से पकड़ा गया है। सवाल यह है कि जब पटवारी की पगार सामान्य ही होती है, फिर भी वे ऑफिस का खर्च कैसे उठाते हैं, इसकी भी जांच होना चाहिए।
एसपी ऑफिस के सामने है पटवारी धानुक का कार्यालय
खबरीराम 24 @ शाजापुर (मप्र)
शाजापुर में लगभग हर पटवारी का अपना निजी कार्यालय है। या फिर कुछ पटवारियों ने मिलकर सामूहिक रूप से अपना कार्यालय खोल रखा है। यहां बैठकर वे सरकारी कार्य संपादित करते हैं। बताया जा रहा है सरकारी ऑफिस में वे खुलकर कार्य नहीं कर सकते, ऐसे में वे निजी ऑफिस में बैठकर कार्य करते हैं। पटवारी आत्माराम धानुक का कार्यालय एसपी बंगले के सामने बंटी जैन के भवन की पहली मंजिल पर है। यह कार्यालय सर्वसुविधायुक्त है। बाजार मूल्य के हिसाब से इसका किराया ही 8 से 10 हजार रुपए के करीब होना चाहिए। इसके लिए अलावा बिजली खर्च, इंटरनेट खर्च सहित व्यवस्थागत खर्च अलग। अब सवाल यह उठता है कि करीब 25 से 35 हजार रुपए पगार पाने वाला पटवारी इतना खर्च कैसे और क्यों उठाता है। जाहिर है यह इन खर्चों की वसूली पटवारी के पास काम लेकर आए लोगों से ही होती होगी।
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कार्रवाई के दौरान मौके पर पहुंचे कई पटवारी
इधर पटवारी आत्माराम धानुक पर लोकायुक्त कार्रवाई की जानकारी जैसे ही राजस्व विभाग के जुड़ लोगों और पटवारियों को लगी तो वे भी धानुक के ऑफिस पहुंच गए। हालांकि कार्रवाई के दौरान किसी को अंदर नहीं आने दिया गया। ऐसे में करीब आधा दर्जन पटवारी बाहर खड़े होकर कार्रवाई खत्म होने का इंतजार करते रहे। इस दौरान कुछ पटवारियों के चेहरे पर डर साफ नजर आ रहा था। बताया यह भी जा रहा है कि पटवारी धानुक के पास जरूरी कागजात थे, साथ ही अन्य पटवारियों से संबंधित हिसाब भी है। ऐसे में संबंधित पटवारी धानुक के कार्यालय के चक्कर लगाते नजर आए। उन्हें डर इस बात का है जांच में उनसे संबंधित कागजात लोकायुक्त के हाथ ना लग जाए। इसके अलावा जमीन के धंधे से जुड़े लोग भी आसपास मंडराते नजर आए।
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नहीं खुले पटवारियों के कार्यालय
शाजापुर शहर में कई पटवारी निजी कार्यालयों में बैठकर कार्य करते हैं। शुक्रवार सुबह धानुक पर कार्रवाई की सूचना आग की तरह फैली, ऐसे में जो पटवारी सुबह 8 बजे से कार्यालय खोलकर बैठ जाते हैं, उन्होंने दोपहर तक कार्यालय के ताले नहीं खोले। सूत्र बता रहे हैं कि उन्हें डर इस बात था कि धानुक से पूछताछ के बाद लोकायुक्त पुलिस कहीं उनके कार्यालय पर जांच करने नहीं पहुंच जाए।
इसलिए निजी ऑफिस में बैठते हैं पटवारी
विभागीय जानकारी के मुताबिक पटवारियों का काम जमीनी स्तर का होता है। उन्हें संबंधित हल्के में भ्रमण आदि करना होता है। ऐसे में उन्हे तहसील कार्यालय में बैठकर कार्य करने की बाध्यता नहीं होती। बस इसी छूट का फायदा उठाते हुए कई पटवारियों ने दुकान की तरह अपने आलीशान निजी ऑफिस खोल लिए हैं। वहां बैठकर की वे सारे शासकीय कार्य संपादित करते हैं।
महूपुरा हल्के में हैं कॉलोनियां
पटवारी आत्माराम धानुक के पास शहर के महूपुरा हल्के का प्रभार है। यह हल्का बहुत मलाईदार है। कारण इस हल्के में शहर के आसपास की दर्जनों कॉलोनियां आती हैं। यहां कृषि भूमि पर तेजी से कॉलानियां काटी जा रही है। ऐसे कॉलोनाइजर और बिल्डर का संपर्क पटवारी धानुक से ही होता है।