खबरीराम 24-जनता की बात: अरुण भीमावद के कार्यकाल का स्वीमिंग पूल, भूमिपूजन के पत्थर पर लिखे नाम तक मिट गए, लेकिन ताले से बाहर नहीं आया तरणताल

शाजापुर वालों के लिए स्टेडियम में बनाया गया स्वीमिंग पूल ताले की जकडऩ से बाहर ही नहीं निकल रहा है। जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण यह अब तक शुरू नहीं हो सका है, जबकि स्वीमिंग पूल को बने ही दो साल से ज्यादा हो चुके हैं। पहले बजट का रोना, फिर कोरोना का कहर, जैसे-तैसे पूल बन तो गया है, लेकिन इसमे तैरने की शहरवासियों की ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी है। नगर पालिका में बैठे जिम्मेदार शहरवासियों इस सुविधा से दूर रखे हुए हैं। आलम यह है विधायक अरुण भीमावद के कार्यकाल में हुए भूमिपूजन के समय लगाए गए पत्थर पर लिखे नाम तक मिट चुके हैं, लेकिन पूल अब तक शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में लोगों का यह कहना है कि जब पूल शुरू ही नहीं करना था, तो बेवजह हमारे टैक्स के पैसों से इसका निर्माण ही क्यों किया गया।   

खबरीराम 24-जनता की बात: अरुण भीमावद के कार्यकाल का स्वीमिंग पूल, भूमिपूजन के पत्थर पर लिखे नाम तक मिट गए, लेकिन ताले से बाहर नहीं आया तरणताल

सीएम की घोषणा पर नहीं हो रहा अमल

खबरीराम 24 @ शाजापुर (मप्र)

उज्जैन संभाग के शाजापुर जिले में  मुख्यमंत्री की घोषणा को लागू करने में भारी लापरवाही हो रही है। जिले के अधिकारी शासन की मंशा पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं, ऐसा हम नहीं कह रहे, कुछ ऐसे कार्य हैं, जो यह साबित करते नजर आ रहे हैं। ऐसे ही शाजापुर शहर के बाशिंदों के लिए बनाया गया स्वीमिंग पूल है, जो पानी से तो भरा है, लेकिन उसमें गोता कोई नहीं लगा पा रहा। मतलब दो साल पहले बनने के बाद भी पूल को शुरू नहीं किया गया है। पूल की टेस्टिंग हो गई है, पानी भी भरा जा चुका है, अब बस लोगों को इसके शुरू होने का इंतजार है। नगर पालिका अधिकारी की ओर से दावा किया जाता रहा है कि जल्द ही पूल को शुरू कर देंगे, लेकिन उनके दावे की हर बार हवा निकल जाती है।  पूल का संचालन ठेका पद्धति के आधार पर होना है। इसके लिए ऑनलाइन टेंडर भी बुलाए गए थे, जो खुले तो सही, लेकिन इसमें किसी ने रुचि नहीं ली। ऐसे में यह सुविधा कब शुरू होगी, यह कहना मुश्किल है।  

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शाजापुर शहर में तैराकी के शौकीन और प्लेयर्स को तरणताल का लंबे अर्से से इंतजार है। इसके कई बार मांग हो चुकी है। 2013 के विधानसभा चुनाव में जनसंपर्क के दौरान  शहर के लोगों और तत्कालीन विधायक प्रत्याशी अरुण भीमावद ने सीएम शिवराज सिंह से पूल बनवाने की मांग की थी। इसके बाद सीएम ने शाजापुर में स्वीमिंग पूल बनाने की घोषणा कर दी। चुनाव में जीत के बाद शिवराज सिंह फिर सीएम बन गए और अरुण भीमावद विधायक। इसके बाद वादे के अनुरूप स्वीमिंग पूल बनाने की कवायद शुरू की गई। शहर में जमीन की तलाश शुरू की गई। पहले शांतिवन और वाटर वक्र्स के बीच में खाली पड़ी जगह का प्रस्ताव आया , लेकिन यहां बात नहीं बनी। इसके बाद स्टेडियम में जमीन फाइनल हो गई। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया हुई । टेंडर फाइनल होने के बाद विधायक अरुण भीमावद ने तत्कालीन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत को भूमिपूजन के लिए आमंत्रित किया। इसके बाद 23 नवंबर 2015 को निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया। 

बनने के बाद से ताले में बंद है तरणताल 

रुपए की कमी आई, मुश्किल से पूरा हुआ काम  

शासन स्तर से स्वीमिंग पूल के लिए दो करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। प्रारंभिक चरण में इसके लिए 50 लाख रुपए मिले। इसमें जितना काम हो सकता था वह हुआ, फिर रुपए के अभाव में काम बंद हो गया। कई महीनों तक काम बंद रहा, एक समय ऐसा लगने लगा कि अब पूल नहीं बन सकेगा। इसके बाद नगर पलिका ने इधर-उधर से फंड जुटाकर काम करवाया। इस प्रक्रिया में ही पांच साल लग गए। इस कारण से काम भी करीब 2.40  करोड़ रुपए का हो गया। साल 2020 में आखिरकर स्वीमिंग पूल बन गया, लेकिन फिर कोरेाना आ गया और पूल खुलने ये पहले ही उस पर ताला लग गया। इधर, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया 17 अगस्त 2021 को जनआशीर्वाद यात्रा लेकर शहर आए। इस दिन ही तरणताल का औपचारिक लोकार्पण भी कर दिया गया। लेकिन इसके करीब आठ माह बाद अब तक भी पूल शुरू नहीं हो पाया है। 

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स्वीमिंग पूल परिसर में लगा फिल्टर प्लांट

कौन करेगा संचालन, तय नहीं

कोरोना का ग्राफ गिरने के बाद सरकार ने प्रतिबंध कम किए तो शहर के लोगों की उम्मीद बंधी कि अब तो पूल शुरू हो जाएगा, लेकिन यह अब तक पूरी नहीं हो सकी है। अब पेंच पूल के संचालन पर फंस रहा है। नगर पालिका खुद पूल का संचालन नहीं करते हुए ठेके पर इसे चलाना चाहती है, इसके लिए ऑनलाइन टेंडर हुए भी एक महीना बीत चुकी है, लेकिन अब तक टेंडर फाइनल नहीं हो सके। ऐसे में यह सुविधा जनता से दूर होती जा रही है। तत्कालीन नगर पालिका सीएमओ भूपेंद्र कुमार दीक्षित ने कहा था कि अप्रेल में किसी भी हालत में पूल शुरू कर देंगे, लेकिन इसका शुभारंभ करने से पहले ही शहर से उनकी विदाई हो गई। अब नए सीएमओ राकेश चौहान हैं, लेकिन यहां आते ही उनके सामने टैक्स बढ़ोतरी का विरोध, शहर में गंदा पेयजल सप्लाई, स्वच्छता सर्वेक्षण सहित अन्य चुनौतियां तैयार  खड़ी थी। ऐसे में वे शहर की इस जरूरत पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं।  

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ऐसा है शाजापुर का स्वीमिंग पूल

स्वीमिंग पूल में पानी तो भरा है, लेकिन कोई इसमें तैर नहीं सकता

खेल विभाग के स्टेडियम में बना तरणताल  60 फीट लंबा और 40 फीट चौड़ा है। यह पूल १४ फीट तक गहरा है, हालांकि गहराई 4 फीट से शुरू हो रही है, जो तीन स्टेप में 14 फीट तक जा रही है। पूल परिसर में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां खिलाडिय़ों के लिए लॉकर रूम बनाए गए हैं, जिसमें वे अपना सामन रख सकते हैं। पुरुष और महिला तैराकों के लिए  अलग-अलग चेंजिंग रूम, शॉवर और टॉयलेट बनाए गए हैं।  पूल में पानी को फिल्टर करने के लिए प्लांट लगाया गया है, जिससे पानी लगातार साफ होता रहता है। साथ ही यहां दर्शक दीर्घा और कैंटीन भी बनाई गई है, पूल शुरू होने के बाद कैंटीन को भी शुरू किया जाएगा।

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