Shajapur Politics: बाहुबली नेता के पार्टी बदलने की चर्चा
शाजापुर शहर के चौक-चौराहों पर इन दिनों एक बाहुबली नेता के पार्टी बदलने की चर्चा जोरों पर है। इस चर्चा से जहां उक्त नेता की वर्तमान पार्टी में खलबली है, वहीं उनकी भावी पार्टी के नेताओं की नींद भी उड़ी हुई है। हालांकि उक्त नेता और उनके समर्थक आशान्वित जरूर है कि पार्टी बदलने से उनके भी ‘अच्छे दिन’ आ जाएंगे।
लंबे समय से चल रही कवायद
खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)
वैसे तो शाजापुर की राजनीति के रंग शहर के लोगों ने पहले की देख रखे हैं। जिस तरह से नगर पालिका चुनाव में उठापटक हुई, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। ऐसे ही अब आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भी लोगों को रंगबिरंगी राजनीति देखने को मिलेगी। चौंकाने वाली खबर जल्द ही लोगों को मिलने वाली है। शाजापुर के एक कद्दावर बाहुबली नेता पाला बदलकर दूसरी पार्टी ज्वाइन करने जा रहे हैं। हालांकि इसकी कवायद उनकी ओर से लंबे समय से की जा रही है, लेकिन सही समय का इंतजार किया जा रहा है, सूत्रों के अनुसार जो इस साल के अंत या नए साल की शुरुआत में खत्म हो सकता है।
‘वटवृक्ष’ की छाया से हुए दूर, लेकिन जड़ें नहीं छोड़ रही पीछा
उक्त बाहुबली नेता शहर में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वे जिस वर्तमान पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं, वहां गुटबाजी, भितरघात, ईष्र्या और जलन के कारण उन्हें पिछले कुछ सालों में काफी राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ा। उनकी पार्टी में एक वरिष्ठ नेता को वटवृक्ष की संज्ञा दी गई है, लेकिन यह भी जगजाहिर है कि वटवृक्ष के नीचे कोई दूसरा पौधा पनप नहीं सकता। इसके चलते उक्त बाहुबली नेता वटवृक्ष की छाया से दूर होकर जिले के दूसरे क्षेत्र में चले गए, लेकिन वहां भी वटवृक्ष की जड़ों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। ऐसे में फिर से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा। वटवृक्ष की छाया का ही असर है कि उक्त नेता जिस फल की इच्छा कर रहे हैं, वह उनके हाथ ही नहीं लग रहा। ऐसे में अब उक्त नेता पार्टी के साथ ही चाल, चरित्र और चेहरा बदलने की तैयारी कर रहे हैं।
इसलिए चल रही चर्चा
उक्त बाहुबली नेता द्वारा पार्टी बदलने की चर्चा का कारण पिछले दिनों से उनके द्वारा किए जा रहे कुछ कार्य हैं, जो उनकी भावी पार्टी की विचारधारा से मेल खाते हैं। साथ ही उक्त नेता के रिश्तेदार भावी पार्टी के बड़े नेताओं और पदाधिकारियों के यहां आयोजनों में शामिल होने के लिए दूसरे शहरों में जा रहे हैं। ऐसे में कयास तो यही लगाए जा रहे हैं कि सबकुछ तय हो चुका है, बस मौके का इंतजार किया जा रहा है।
दावेदारों की उड़ी नींद
उक्त बाहुबली नेता के परिवार के एक सदस्य शहर में बड़े पद पर रह चुके हैं, जो नगर की जनता द्वारा चुने गए थे। इसके बाद से वे विधानसभा जाने की आस लगाए बैठे हैं, इसके लिए उन्हें मौका भी मिला, लेकिन शाजापुर क्षेत्र से नहीं। फिर भी उन्होंने किला लड़ाया, लेकिन जयचंदों की वजह से वे फतह नहीं कर सके। ऐसे में विधानसभा चुनावों के पहले उनके पार्टी बदलने की चर्चा ने ही भावी पार्टी के कुछ पदाधिकारियों ने नींद उड़ा दी है। वे जिस पार्टी में जा रहे हैं, वहां विधानसभा के आठ दावेदार सोशल मीडिया पर सक्रिय हो चुके हैं, हालांकि इनमें से तीन दावेदार ही हैं, जो दमदार है, बाकी हवा के झोंके की तरह है, जो तूफान का साथ मिलने पर बहुत दूर तक निकल जाएंगे। बाहुबली नेता पार्टी बदलते हैं तो उनकी दावेदारी की दमदारी का एक कारण वटवृक्ष के फैलाव को रोकने की उनकी ताकत भी होगी। साथ ही उक्त बाहुबली नेता धन संपदा से भी परिपूर्ण हैं, जो वर्तमान राजनीति की खास जरूरत बन चुकी है। हालांकि वे जिस पार्टी में जा रहे हैं, उनके कई नेताओं के कुर्ते में सिर्फ कलफ चढ़ा है, जेब नहीं है। जिनके कुर्ते में जेब है, उन्होंने उस पर सिलाई लगा रखी है। वहीं दूसरी तरफ उक्त बाहुबली नेता के कुर्ते में कलफ के साथ ही जेब भी है और वे जेब में हाथ डालने से भी नहीं कतराते। ऐसे में उनका पलड़ा भारी है।
(नोट: उक्त खबर शहर के चौक-चौराहों की चर्चा पर आधारित है, अधिकृत घोषणा के बगैर उक्त नेता का नाम प्रकाशित नहीं किया जा रहा है।)