शाजापुर में ये कैसी जनसुनवाई: 80 साल के बद्रीलाल डिप्टी कलेक्टर के पैरों में गिर पड़े और हाथ जोड़कर लगाते रहे गुहार, बोले-आप मेरे जिले के भगवान हो, मेरी जमीन दिलवा दो, फिर भी नहीं पसीजा अधिकारियों का दिल

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह द्वारा जनता की समस्याओं के समाधान के लिए शुरू की गई जनसुनवाई में लोगों की फजीहत हो रही है। अधिकारी सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए जनता से आवेदन ले रहे हैं, उनकी समस्या का समाधान हो रहा है या नहीं, इससे उन्हें कोई सरोकार नहीं है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को शाजापुर जिला मुख्यालय पर जनसुनवाई में सामने आया। यहां एक 80 साल के बुजुर्ग अपनी जमीन पर कब्जे की शिकायत लेकर आए थे। उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। वे गिड़गिड़ाते हुए डिप्टी कलेक्टर के पैरों में गिर पड़े और गुहार लगाते रहे, लेकिन डिप्टी कलेक्टर ने मामने को रूटीन प्रोसेस बताकर टाल दिया

शाजापुर में ये कैसी जनसुनवाई: 80 साल के बद्रीलाल डिप्टी कलेक्टर के पैरों में गिर पड़े और हाथ जोड़कर लगाते रहे गुहार, बोले-आप मेरे जिले के भगवान हो, मेरी जमीन दिलवा दो, फिर भी नहीं पसीजा अधिकारियों का दिल

बुजुर्गों को अधिकारियों के पैर छूकर लगाना पड़ रही गुहार

खबरीराम 24 @ शाजापुर (मप्र).  जनसुनवाई में बुजुर्ग की बेबसी और लाचारी का यह मामला मप्र के शाजापुर जिले का है। यहां कलेक्टर कार्यालय में हर बार की तरह इस मंगलवार को भी जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इसमें लोगों ने कतार में लगकर अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन अधिकारियों को दिए। इसी तरह अपनी जमीन पर दूसरे लोगों द्वारा कब्जा किए जाने की शिकायत लेकर एक वृद्ध अपने पूरे परिवार के साथ जनसुनवाई में पहुंचा। यहां पर डिप्टी कलेक्टर अजीत श्रीवास्तव जनसुनवाई कर रहे थे। जब वृद्ध ने डिप्टी कलेक्टर से गुहार लगाई तो उन्होंने इस आवेदन को एसडीएम को दिए जाने की बात कही। इस पर बुजुर्ग भरी जनसुनवाई में ही डिप्टी कलेक्टर के पैरों को छूने के लिए जमीन पर बैठ गए। हाथ जोड़कर समस्या के निराकरण के लिए गुहार लगाता रहा, लेकिन डिप्टी कलेक्टर ने उसे एसडीएम के पास ही जाने को कहा और फिर दूसरे आवदकों के आवेदन लेने लगे।

झल्ला गए डिप्टी कलेक्टर श्रीवास्तव

 डिप्टी कलेक्टर के पैर पकड़ते बद्रीलाल

जनसुनवाई के दौरान 80 वर्षीय बद्रीलाल ने डिप्टी कलेक्टर अजीत श्रीवास्तव के पैर पकड़कर अपनी जमीन का कब्जा दिलाने की गुहार लगाई। बद्रीलाल जनसुनवाई में अपनी पत्नी, बहू और पोतों के साथ आए थे। जनसुनवाई कर रहे डिप्टी कलेक्टर के पैर में गिरकर गिड़गिड़ाने लगा और कहा मैं परेशान हो गया हूं, मेरी जमीन दिला दो। इस पर डिप्टी कलेक्टर पहले तो झल्लाए और कहा कि ये किसने बोला, ऐसा करने के लिए। खड़े हो, इस तरीके से नहीं किया जा सकता। बुजुर्ग ने कहा कि आप मेरे जिले के भगवान हो। इतने पर भी डिप्टी कलेक्टर ने ये कहकर मामले को टाल दिया कि मैं इसमें रुटीन प्रोसेस ही कर सकता हूं।

फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर हथिया ली जमीन, नहीं हो रही सुनवाई

कई बार जनसुनवाई में गुहार लगा चुके वृद्ध बद्रीलाल की समस्या का जब मंगलवार को भी निराकरण नहीं हुआ और उसे दूसरे के पास जाने का कहा गया तो बद्रीलाल अपने परिवार सहित जनसुनवाई कक्ष में बैठ गया। यहां मौजूद मीडियाकर्मी जब उक्त घटना को कवर कर रहे थे तो डिप्टी कलेक्टर श्रीवास्तव ने मीडियाकर्मियों से अपने कैमरे बंद करने और यहां बगैर अनुमति के कवरेज नहीं करने को कहा।

यह है पूरा मामला

शाजापुर के बद्रीलाल की 2 बीघा जमीन कृषि उपज मंडी से के पास में स्थित है। इस भूमि का सर्वे क्रमांक 133 एवं रकबा 0.41 हेक्टेयर है। इस भूमि में से डेढ़ बीघा जमीन पर 2002 में चार फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से कब्जा कर लिया गया। उसके बाद बद्रीलाल ने जिला प्रशासन के सामने गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सुनवाई न होने पर बद्रीलाल ने सिविल न्यायालय शाजापुर में वाद दायर किया और सिविल न्यायालय ने चारों रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया। उसके बाद से लेकर आज तक बद्रीलाल अपनी जमीन पर कब्जा नहीं कर सका। दबंगों ने उसकी डेढ़ बीघा भूमि के अलावा आधा बीघा जमीन पर भी कब्जा कर लिया। यह जमीन बेशकीमती है और आज इसकी कीमत करोड़ों रुपए है। बद्रीलाल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और इतनी उम्र होने के बाद भी बार-बार वह जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहा है। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।