शाजापुर कृषि मंडी में लाखों का खेल कर रहे व्यापारी
शाजापुर की कृषि उपज मंडी में व्यापारी लाखों का खेल कर रहे हैं। यहां अवकाश के दिन व्यापारी किसानों से सौदा पत्रक के माध्यम से गेहूं और अन्य उपज की खरीदी कर रहे हैं। सौदा पत्रक के माध्यम से खरीदी करना गलत नहीं है, लेकिन इसके लिए व्यापारी पैंतरे भी आजमा रहे हैं। बुधवार को एक व्यापारी की मिलीभगत से मंडी में अवकाश घोषित करवा दिया गया। ऐसे में सूचना के अभाव में जो किसान मंडी में आ गए, उनकी उपज को औने-पौने दामों में सौदा पत्रक के माध्यम से खरीद लिया गया।
कृषि मंडी में बेवजह का अवकाश, सौदा पत्रक के माध्यम से व्यापारियों ने खरीद लिया अनाज
खबरीराम 24 @ शाजापुर (मप्र)
अक्षय तृतीया और ईद के दूसरे दिन बुधवार को भी शाजापुर स्थित कृषि उपज मंडी में अवकाश घोषित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि हम्माल संगठन की मांग पर यह अवकाश घोषित किया गया। हालांकि इसकी विधिवत सूचना जारी नहीं की गई, ऐसे में उपज लेकर पहुंचे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं एक व्यापारी ने इस अवकाश का फायदा उठाते हुए सौदा पत्रक के माध्यम से किसानों से करीब 2000 क्विंटल गेहूं खरीद लिया। यह खरीदी भी मंडी परिसर में ही हुई।
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इस समय शादियों को सीजन चल रहा है और किसानों को रुपए की जरूरत है। ऐसे में बगैर किसी पूर्व सूचना के मंडी में अवकाश घोषित करने से किसानों को नुकसान हो रहा है। उन्हें औने-पौने दाम पर व्यापारियों को उपज बेचना पड़ रही है। बुधवार को भी यही हुआ। बगैर किसी पूर्व सूचना के मंडी में अवकाश घोषित कर दिया गया। ऐसे में कई गांवों के किसान अपनी उपज लेकर मंडी में आ चुके थे। बस यहीं से व्यापारियों का खेल शुरू होता है। किसान की मजबूरी का फायदा उठाते हुए व्यापारी ने सौदा पत्रक के माध्यम से खरीदी कर ली। इसमें नीलामी नहीं होती और भाव भी व्यापारी के हिसाब से ही तय होता है। ऐसे में जरूरतमंद किसानों को अपनी उपज व्यापारी को औने-पौने दाम पर बेचना पड़ी।
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हम्मालों की मांग पर बंद रखी मंडी
मंडी सचिव डीसी राजपूत ने बताया कि दो दिन पहले हम्माल संगठन के कुछ सदस्य बुधवार का अवकाश घोषित करने की मांग करने आए थे। उनका कहना था कि ईद के अगले दिन कार्य नहीं कर सकेंगे। ऐसे में मजबूरन अवकाश घोषित करना पड़ा। इस अवकाश की मुनादी मंडी परिसर में करवाई गई थी। राजपूत ने बताया कि किसान एक-दूसरे को मंडी अवकाश के बारे में बता देते हैं, इसलिए प्रेस नोट जारी नहीं किया गया था।
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दो हजार बोरी गेहूं तुला
इधर अवकाश के दिन मंडी व्यापारी ने सौदा पत्रक के माध्यम से किसानों से गेहूं खरीद लिया। बताया जा रहा है कि गेहूं की तुलाई मंडी के तौल-कांटे पर ही हुई है। यह कार्य मंडी के ही हम्मालों के माध्यम से ही हुआ है। संबंधित किसानों को उपज का भुगतान भी किया गया है। अब सवाल यह उठता है कि हम्मालों की मांग पर अवकाश घोषित किया तो उपज तुलाई करवाने के लिए हम्माल कहां से आ गए। मामले में मंडी सचिव राजपूत का कहना है कि कोई भी व्यापारी सातों दिन सौदा पत्रक के माध्यम से खरीदी कर सकता है। इसमें मंडी की भूमिका नहीं रहती है। रही बात हम्मालों के आने की तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
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क्या होता है सौदा पत्रक
सौदा पत्रक एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसान अपनी मर्जी से कहीं भी किसी भी अनाज व्यापारी को अपना अनाज बेच देता है और व्यापारी को उस खरीदे हुए अनाज की जानकारी मंडी प्रशासन को देना होती है। इस प्रक्रिया में वो ही अनाज व्यापारी शामिल होता है जो इस मंडी में रजिस्टर्ड है। सौदा पत्रक में मंडी प्रशासन का कोई खास कार्य भी नहीं होता। वह सिर्फ निगरानी भर कर सकते हैं। सौदा पत्रक में जमाखोरी या कालाबाजारी से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
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