पीआइसी: नए-नवेलों को मलाई, वरिष्ठों का रूदन!
शाजापुर नगर पालिका में प्रेसिडेंट इन कौंसिल का गठन होने के बाद दबी जुबान से विरोध के स्वर उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि इसी विरोध से बचने के लिए 10 अगस्त को तैयार हो चुकी सूची को भी आठ दिन तक लटकाए रखा। हालांकि इस दौरान भी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। ऐसे में यह सूची सामने आते ही मनचाही समिति नहीं मिलने और किसी भी समिति के सभापति नहीं बनाए गए ‘दमदार’ पार्षद खफा नजर आ रहे हैं।
चार पुराने और तीन नए पार्षद बने सभापति
खबरीराम 24 डॉट कॉम @ SHAJAPUR (MP)
नगर पालिका अध्यक्ष प्रेम जैन ने नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 70 की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्वाचित पार्षदों में से प्रेसिडेंट इन कौसिंल के सदस्य नामांकित किए हैं। साथ ही उपधारा (4) के तहत विभाग का प्रभारी सदस्य घोषित किया है। इनमें भुवनेश्वरी राठौर को सामान्य प्रशासन विभाग, कौशल कसेरा को लोक निर्माण उद्यान एवं यांत्रिकी विभाग, प्रेम यादव को जल कार्य, विद्युत एवं सीवरेज विभाग, दिनेश सौराष्ट्रीय को राजस्व वित्त एवं लेखा विभाग, दुष्यंत सोनी को स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग, विक्रम कुशवाह को योजना, यातायात परिवहन एवं सूचना प्रोद्योगिकी और दीप कलेशरिया को शहरी गरीबी उपशमन विभाग का सभापति बनाया गया है।
प्रेम को चाहिए था लोनिवि, मिल गया नल
वरिष्ठ पार्षद प्रेम यादव को इस बार पूरी उम्मीद थी कि उन्हें लोक निर्माण उद्यान एवं यांत्रिकी विभाग का सभापति बनाया जाएगा। वे इसके लिए प्रयासरत भी थे, लेकिन यह समिति कौशल कसेरा को दे दी गई। हालांकि अंदरखाने में कौशल कसेरा का नाम इसके लिए पहले से लगभग तय ही था, क्योंकि वे पहले अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की दावेदारी की दौड़ में थे। दोनों पद नहीं मिलने पर सबसे वजनदार समिति उन्हें मिलना तय थी। वहीं प्रेम यादव को जल कार्य, विद्युत एवं सीवरेज विभाग का सभापति इसलिए बनाया गया है कि वे प्रदीप चंद्रवंशी के कार्यकाल में भी इसी समिति के सभापति थे और शहर के जल के सिस्टम की पूरी जानकारी रखते हैं, ऐसे में नपाध्यक्ष प्रेम जैन उनके अनुभवों का फायदा लेना चाहते हैं।
विक्रम भी खुश नहीं
दो बार के पार्षद विक्रम कुशवाह को योजना, यातायात परिवहन एवं सूचना प्रोद्योगिकी समिति का सभापति बनाया गया है। हालांकि सभापति बनने के बाद भी विक्रम खुश नजर नहीं आ रहे हैं। चर्चा में विक्रम ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि वरिष्ठता और अनुभवों के आधार पर समितियों को बंटवारा करना चाहिए था।
इन तीनों को मिला इनाम
भुवनेश्वरी राठौर, दीप कलेशरिया और दुष्यंत सोनी को इनाम के रूप में सभापति बनाया गया है। वार्ड क्र्रमांक 16 के पार्षद दुष्यंत सोनी को कांग्रेस की अध्यक्ष प्रत्याशी मीनाक्षी आशुतोष शर्मा को हराने का इनाम मिला है। अगर इस वार्ड से मीनाक्षी जीत जाती तो वॉकओवर मिलना मुश्किल था। ऐसे में कुटिया पर हुई ‘नौलखा मीटिंग’ भी नहीं हो पाती। ऐसे में दुष्यंत तो इस पद के हकदार हैं। वहीं चुनाव पूर्व और चुनाव परिणाम आने के बाद के समीकरणों के अनुसार निर्दलीय भुवनेश्वरी सतीश राठौर और आम आदमी पार्टी के दीप कलेशरिया को भाजपा में शामिल होने के ‘तीन गुना फायदे’ के साथ बंपर इनाम मिला है।